भोपाल। कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं और नेताओं से हाथ जोड़कर पार्टी के लिए काम करने की अपील की है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि "कुछ सीटें अपवाद हो सकती हैं, लेकिन 90 फीसदी सीटें पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर तय की गई है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकांश विरोध करने वाले वह हैं, जिन्होंने टिकट के लिए दिल्ली-भोपाल के चक्कर लगाने और माहौल बनाने में खूब पैसा खर्च कर डाला, अब वे विरोध कर रहे हैं, लेकिन मेरी उनकी साथ सहानुभूति है."
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी से कांग्रेस में आए और टिकट से चूके वीरेन्द्र रघुवंशी के सवाल पर कहा कि शिवपुरी से केपी सिंह को उतारा, इसलिए ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में ही नहीं उतरे. मीडिया से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कई सवालों के खुलकर जवाब दिए. उन्होंने दावा किया कि शिवराज सरकार को लेकर जनता में नाराजगी है और कांग्रेस 130 से ज्यादा सीटें लाने जा रही है.
सवाल: कांग्रेस की सूची आने के बाद से लगातार पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है ?
जवाब:मैं 1985 में 38 साल की उम्र में सबसे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना था. उसके बाद से मैं हर चुनाव में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में रहा हूं. सबसे खराब काम उम्मीवादर के चयन का है, क्योंकि जो उम्मीदवारी जताता है, वह दावा करता है कि कम से कम 25 हजार वोटों से जीतूंगा. इस बार 4 हजार आवेदन आए थे, इसमें से 230 कैसे चुनें ? कोई लिखित परीक्षा तो होती नहीं. इसमें सिर्फ संभावनाएं देखी जाती हैं. इस बार चयन की जो प्रक्रिया अपनाई गई, मुझे लगता है इस बार बहुत पारदर्शी तरीके से काम हुआ है.
कमलनाथ ने पिछले डेढ़ साल में चार अलग-अलग एजेंसियों से सर्व कराए हैं. आखिरी सर्वे इस साल सितंबर माह में कराया गया. इनके आधार पर टिकट फाइनल किए गए. इसमें कुछ अपवाद हैं, लेकिन 90 फीसदी सीटें सर्वे के आधार पर तय की गई है. हर उम्मीदवार की अपनी अपेक्षा होती है, सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि जनता बदलाव के पक्ष में है. दुखी न हों. कोई वर्ग सरकार से संतुष्ट नहीं है. सरकार कांग्रेस की बन रही है. कृप्या सारे मतभेद भुलाकर सब मिल जुलकर काम करें. मुझे समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी से मैं और रणदीप सुरजेवाला बात करेंगे. हम नहीं चाहते कि कमलनाथ पर इसको लेकर किसी तरह का दवाब हो.
सवाल: आरोप लगाए जा रहे हैं कि पैसे लेकर टिकट बेचे गए हैं ?
जवाब :दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने कई बार मना किया है. नेता भोपाल, दिल्ली के चक्कर लगाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मजाक में कह रहा हूं... नेता कहते हैं हवाई जहाज से चलो, अच्छी होटल में रूको, दिल्ली में माहौल बनाओ, लेकिन यह सब व्यर्थ है. ऐसे माहौल बनाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. भोपाल में नरेश ज्ञानचंदानी तो कहीं नहीं गया, लेकिन उसे टिकट मिल गया, ऐसे कई और प्रत्याशी हैं. अब कई नेता दिल्ली-भोपाल करते रहे, अब खर्च हो गया और टिकट नहीं मिला तो नाराजगी तो होना है. परिवार और परिचितों का भी दवाब होता है, लेकिन हमारी उनके साथ सहानुभूति है.
सवाल: वीरेन्द्र रघुवंशी को शिवपुरी से टिकट नहीं दिया गया, वे भी नाराज हैं ?
जवाब :वीरेन्द्र रघुवंशी से मेरे बहुत पुराने संबंध हैं. पहले वह कांग्रेस में थे, लेकिन वह सिंधिया से नाराज होकर बीजेपी में गया. अब सिंधिया वहां पहुंच गए तो परेशान हो गए. मैं कमलनाथ और रघुवंशी एक साथ बैठे थे. तब कहा गया कि कांग्रेस में आ जाओ शिवपुरी से चुनाव लड़ाया जाएगा, लेकिन जब टिकट के दौरान परिस्थितियां बदली और शिवपुरी से सिंधिया को उतारे जाने की बात हुई, तब केपी सिंह को शिवपुरी से उतारा गया. केपी सिंह को धन्यवाद कहूंगा कि उन्होंने अपनी सीट छोड़कर शिवपुरी से उतरने के लिए तैयार हो गए, लेकिन वीरेन्द्र को लेकर हम चिंतित हैं, हम लोग बात कर रहे हैं, उसके लिए कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे.
सवाल: तो क्या टिकट बदला भी जा सकता है ?
जवाब: सवाल टाल गए.