भोपाल।सनातन के साथ हिंदुत्व पर सवार हो रहे 2023 के विधानसभा चुनाव में अब गाय की भी एंट्री हो गई है. ये और बात है कि इस बार चुनाव में गाय का प्रवेश राजनीतिक दलों ने नहीं चुनाव के वक्त ही हमेशा एक्टिव होने वाले कम्प्यूटर बाबा ने किया है. कम्प्यूटर बाबा एमपी के चालीस जिलों समेत करीब 150 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर गायों की दुर्दशा के खिलाफ गौ माता बचाओ जन जागरण यात्रा निकालने जा रहे हैं. मुद्दा एक ही है गौ रक्षा. हालांकि गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद महाराज का दावा है कि मध्यप्रदेश ही वो राज्य है, जहां सरकार ने गौ माता के संरक्षण के लिए 1500 करोड़ रुपए गौ शालाओं के निर्माण पर खर्च कर दिए हैं.
चुनावी माहौल में गौ रक्षा का मुद्दा और कम्प्यूटर बाबा: मुद्दा गायों की रक्षा का है. मुद्दा उठाने वाले वही कम्प्यूटर बाबा हैं, जो पिछले चुनाव में भी इन्हीं दिनों सक्रिय हुए थे. इस बार कम्प्यूटर बाबा षटदर्शन समिति के सात गौ माता की उपेक्षा और दुर्दशा से आहत होकर यात्रा निकाल रहे हैं. 24 सितंबर से मध्यप्रदेश में शुरु हो रही, इस यात्रा का एक ही लक्ष्य है गौ माता की रक्षा के लिए जनजागरण. गौ माता बचाओ यात्रा में कम्प्यूटर बाबा 40 जिलों समेत करीब 150 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर पहुंचेंगे. मुद्दा एक ही है कि सियासी दल गायों की दुर्दशा पर ध्यान दें. समय भी उन्होंने चुनाव का ही चुना है. इस मुद्दे को हालांकि कम्प्यूटर बाबा पहले भी उठाते रहे हैं. बीच में उन्होंने रायसेन जिले में धरना दिया था कि जहां गाय बैठी हैं, वहीं मैं भी बैठूंगा. अब गाय के लिए यात्रा की तैयारी है.
सरकार तो काम कर रही है संत समाज को जगाएं: गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद से जब ईटीवी भारत ने इस बारे में बातचीत की तो उनका कहना था कि "सड़क पर जो गाय छूटी है, अगर उसकी जागरुकता के लिए कम्प्यूटर बाबा या जो भी संत प्रयास कर रहे हैं, उसका स्वागत है. संतों को तो काफी पहले इसके लिए मैदान में आना था. उन्हें पालकों से कहना चाहिए कि अपने गौवंश को सड़क पर ना छोड़ें. अखिलेश्वरानंद का कहना है कि सरकार तो अपनी ओर से गौ शालाओं के लिए 15 सौ करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. नई गौ शालाओं के निर्माण किए गए."