भोपाल। कांग्रेस द्वारा बुलाए गए पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन(panchayat representative sammelan) में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया उस समय नाराज हो गए, जब मंच पर भाषण देते वक्त उन्हें जल्द अपना भाषण खत्म करने के लिए पर्ची भेज दी गई. पर्ची देखते ही कांतिलाल भूरिया ने कहा कि किसी को पर्ची नहीं भेजी, लेकिन मुझे भेज दी अब और नहीं बोलना. अब मैं सिर्फ अपने नेताओं को सुनूंगा. हालांकि कांतिलाल भूरिया इसके बाद भी नहीं रुके और उन्होंने अपना भाषण जारी रखा. उधर पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि अगले 8 माह आप सभी को बहुत आक्रामक होकर काम करना होगा. इस दौरान कमलनाथ ने बीजेपी के पक्ष में काम करने वाले अधिकारियों को धमकाते हुए कहा कि अधिकारी सुन लें 8 महीने बाद हमारी भी चक्की चलेगी और हमारी चक्की बहुत बारीक चलती है.
भाषण के बीच पर्ची देख नाराज हुए भूरिया: भोपाल के रविंद्र भवन ऑडिटोरियम में हुए कांग्रेस के पंचायती राज प्रतिनिधि सम्मेलन में प्रदेशभर से कांग्रेस समर्थित पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए. प्रतिनिधियों को पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह सहित कई नेताओं ने संबोधित किया. इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया भी पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान मंच संचालन कर रहे कांग्रेस के महामंत्री और संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने भूरिया को जल्द भाषण खत्म करने की पर्ची दे दी. पर्ची देखते ही कांतिलाल भूरिया नाराज हो गए, उन्होंने इसको लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि अभी भाषण शुरू किया है और उन्हें यह पर्ची दे दी गई(kantilal bhuria angry after getting slip in speech). किसी को पर्ची नहीं भेजी और मुझे भेज दी. अब और नहीं बोलना है, अब मैं सिर्फ अपने नेताओं को सुनूंगा. हालांकि इसके बाद भी उन्होंने अपना भाषण खत्म नहीं किया. कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन हमारी इस दुधारू गाय को बीजेपी के लोग खूंटा सहित उखाड़ कर ले गए. कुछ बिकाऊ लोग बीजेपी के हाथों बिक गए. कांतिलाल भूरिया ने कहा सिंधिया समर्थकों को कहा कि 25 से ₹30 करोड़ इन्होंने लिए और वे बीजेपी के साथ चले गए. कांग्रेस नेता भूरिया ने पंचायत प्रतिनिधियों को नसीहत देते हुए कहा कि अपनी जमीन मजबूत करें. जमीन मजबूत नहीं तो फिर आप कैसे नेता. जमीन मजबूत तभी होगी, जब लोगों के लिए क्षेत्र में बात उठाएंगे, अधिकारियों के सामने लोगों की समस्याएं लेकर जाएंगे.