भोपाल। कर्नाटक में बजरंग दल पर बैन के तेवर दिखा देने वाली कांग्रेस के लिए 2023 के पहले एमपी में हिंदू राग क्यों इतना ज़रुरी हो गया है. क्या वजह है कि प्रियंका गांधी से लेकर कमलनाथ तक एमपी में कांग्रेस के लिए हिंदुत्व ही सहारा है हिंदुत्व ही किनारा है. जबलपुर में नर्मदा पूजन के साथ प्रियंका गांधी ने चुनाव अभियान की शुरुआत की और अब छिंदवाड़ा में कांग्रेस सुंदर कांड पर स्कूलों में प्रतियोगिता करवा रही है. दिग्विजय सिंह जैसे नेता कांवड़ यात्रा में जाकर माहौल बना रहे हैं. हांलाकि कांग्रेस की दलील है कि ये पार्टी के लिए धर्म राजनीति नहीं आस्था का विषय है.
हिंदुत्व...कर्नाटक में तौबा एमपी में मौका क्यों:हिंदुत्व का प्रयोग क्या कांग्रेस जमीन देखकर कर रही है. ये सवाल इसलिए उठा कि कर्नाटक में बजरंग पर बैन का दम दिखाने वाली कांग्रेस, एमपी में 2018 से ना केवल बजरंग बली की शरण में है बल्कि कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ में तो सुंदर कांड को लेकर स्कूलों में क्विज तक आयोजित किया जा रहा है. एमपी में चुनाव अभियान की शुरुआत करने आई पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने भी नर्मदा जल के पूजन के बाद ही अभियान की शुरुआत की. हांलाकि इसे लेकर पार्टी के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी तक ने सवाल उठा दिया था और कहा था कि ये कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाता . प्रियंका गांधी अगर चुनाव अभियान की शुरुआत खेतिहर मजदूरों के साथ जनता के बीच से करती तो ज्यादा बेहतर होता.
चुनावी साल में धार्मिक कार्यक्रमों का कैलेंडर तैयार: कांग्रेस ने चुनावी साल में पार्टी संगठन में अघोषित तौर पर धार्मिक कार्यक्रमों का पूरा कैलेंडर तैयार कर लिया है. इसमें खास फोकस है बड़े बाबाओ की कथाओं पर. कांग्रेस के बड़े नेता और विधायक धार्मिक कथाएं आयोजित करवा रहे हैं. कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले कमलनाथ के छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की कथा होने जा रही है. इसके पहले भी कमलनाथ अपनी हनुमान भक्ति साथ हिंदुत्व का एजेंडा बढ़ाते रहे हैं. पार्टी के कई विधायक हैं जिन्होने चुनावी साल में अपने इलाके में कथा का कार्यक्रम रखने की तैयारी की हुई है.