भोपाल। 12 हजार बूथ विस्तारक के साथ 103 सीटों पर फोकस के जरिए 230 सीटों की मजबूती का बीजेपी का दांव क्या है. कैसे इस बार हारी हुई 65 सीटों की तासीर बदलने में जुटी है कांग्रेस. आईटी सेल को धार देने के पीछे कांग्रेस की रणनीति क्या है. 2023 के विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली की सौगात किसके लिए होगी बड़ा आघात. क्या गुजरात की तरह कांग्रेस का खेल बिगाड़ने के अंदाज में ही मैदान में आएंगे केजरीवाल.
जीत के लिए कौन सी जुगत:विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बीजेपी 230 सीटों पर जीत के लिए जुगत लगा रही है. दोनों दल अपने कमजोर पक्ष को मजबूती देने में जुटे हैं. कोशिश ये है कि, कोई मोर्चा छूटने ना पाए. बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ी कमजोरी कार्यकर्ता हैं. निकाय चुनाव में कार्यकर्ता की अनदेखी का असर पार्टी देख चुकी है. लिहाजा अभी से 12 हजार बूथ विस्तारकों के सथ पार्टी ने हर बूथ को डिजीटल और सशक्त बनाने की कवायद शुरु कर दी है.
आकांक्षी सीटों पर फोकस: दस दिन तक लगातार पार्टी संगठन इन बूथों को मजबूत करने के काम में जुटा है. पार्टी ने बाकायदा रणनीति के तहत सीटों पर काम शुरु किया है. जहां पार्टी पिछले दस पंद्रह सालों से लगातार जीत दर्ज कराती रही है. उनसे पहले पार्टी की प्राथमिकता में वो सीटें हैं जो पिछले चुनाव में बहुत थोड़े मार्जिन से बीजेपी के हाथ से फिसल गई थी. ऐसी 103 सीट को बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस है. आकांक्षी सीटें नाम दिया है बीजेपी ने इन्हें और इनमें से ज्यादातर सीटें रिजर्व हैं.