मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP Assembly Election 2023: कार्यकर्ताओं के लिए बीजेपी की क्या हैं प्लानिंग, कांग्रेस कर रही मैदानी जीत की तैयारी

मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही चुनाव के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी जहां अपने कार्यकर्ताओं के लिए सम्मेलन कराने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस भी सर्वे करा रही है.

MP Assembly Election 2023
शिवराज और कमलनाथ

By

Published : Jul 24, 2023, 10:40 PM IST

भोपाल। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी चुनावी मैदान में बाजी मारने और अपने कार्यकर्ताओं को बूस्टअप करने के लिए सम्मेलन करने जा रही है. प्रदेश भर में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन किये जाने की तैयारी है. इन सम्मेलनों में कार्यकर्ताओं को बूस्ट अप करने का काम किया जाएगा. उन्हें चुनावी चुनौतियों से निपटने और पार्टी कार्यक्रमों को जमीन तक पहुंचाने की नसीहत दी जाएगी. वहीं कांग्रेस भी टिकट वितरण को लेकर सर्वे करा रही है. सर्वे के आधार पर कांग्रेस इस बार टिकट वितरण करेगी.

जिला अध्यक्षों को सौंपी नई जिम्मेदारी: प्रदेश भर में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष महासंपर्क अभियान 18 जुलाई तक चलाने के बाद अब भाजपा ने पार्टी जिला अध्यक्षों को नई जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही कहा है कि हर जिले में विधानसभा स्तर पर सम्मेलन कराएं. इन सम्मेलनों में बूथ अध्यक्ष, बूथ टोली, शक्ति केंद्र प्रभारी और उनकी टोली, क्लस्टर प्रभारी और टोली के अलावा पन्ना प्रभारी और उनकी टोलियों को शामिल किया जाएगा. हर सम्मेलन में चार हजार से पांच हजार तक कार्यकर्ताओं को जुटाने के बाद उन्हें प्रदेश स्तर से भेजे गए अच्छे व वरिष्ठ वक्ताओं के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया के लिए तैयार होने के लिए संबोधित कराया जाएगा. इन सम्मेलनों के माध्यम से चुनावी रणभेरी बजाने और कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत से बूथ स्तर पर एक्टिव होने के लिए कहा जाएगा. जिसमें संपर्क, संवाद और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का काम किया जाना है.

बीजेपी कराएगी सम्मेलन

विधानसभा स्तर पर भी प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त करेगी बीजेपी: बीजेपी प्रदेश चुनाव प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी की तर्ज पर जिलों और विधानसभा स्तर पर भी चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी बनाने की तैयारी में है. इसके लिए पार्टी दूसरे जिलों के पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं को जिला प्रभारी बनाए जाने की जिम्मेदारी सौंप सकती है. चुनाव प्रभारियों को जिलों में प्रवास और संवाद के लिए भेजा जाएगा.

हारी हुई सीटों पर विस्तारकों से फीडबैक: पार्टी संभागीय और जिला प्रभारियों के साथ विधायकों और आकांक्षी यानी हारी हुई विधानसभा सीट का फीडबैक लेने के लिए विस्तारकों का उपयोग कर रही है. ये अपने क्षेत्र की बूथ और शक्ति केंद्र इकाइयों के साथ संवाद और संपर्क के माध्यम से जुड़े हैं. वहां से मिलने वाले फीडबैक से प्रदेश संगठन को दे रहे हैं.

कांग्रेस भी मैदानी तैयारी में जुटी:विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब अपने उम्मीदवार चयन को लेकर फाइनल सर्वे करवा रही है. दो सर्वे करने वाले मैदान में उतर चुके हैं. इसके बाद कांग्रेस जिन्हें उम्मीदवार बनाएगी, उनके टिकट दिए जाने के ऐलान से पहले ही मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतार देगी. बताया जा रहा है कि इस बार दो सर्वे एक साथ कांग्रेस की ओर से हो रहे हैं. एक सर्वे एआईसीसी करवा रहा है और दूसरा सर्वे कमलनाथ की ओर से करवाया जा रहा है. दोनों ही सर्वे के बाद उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा. इस बार कांग्रेस सितंबर में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. जिसमें सर्वे की झलक देखने को मिल सकती है.

कांग्रेस कराएगी सर्वे

यहां पढ़ें...

लगातार हारने वाली सीटों पर पहले सर्वे: सूत्रों की माने तो कमलनाथ के सर्वे में सबसे पहले ऐसी सीटों की रिपोर्ट होगी जो लगातार हारने वाली सीटें हैं. हालांकि एआईसीसी का सर्वे भी इसमें देखा जाएगा. इस सर्वे की रिपोर्ट भी अगस्त तक आ जाएगी. इसके बाद प्रदेश प्रदेश की आधी से ज्यादा विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार को लेकर अपना रूख साफ कर देगी. ऐसा भी माना जा रहा है कि एआईसीसी के सर्वे कराने से अब कांग्रेस में टिकट को लेकर नेताओं की ज्यादा नहीं चल पाएगी. पहले कांग्रेस के कई गुट थे, इन गुट के नेता अपनी ताकत के अनुसार अपने समर्थकों को टिकट दिला देते थे, लेकिन जीत की गारंटी नहीं लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. सर्वे ही टिकट के लिए ज्यादा विधानसभा सीटों पर सर्वमान्य रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details