भोपाल।केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तीसरे किस्त की जानकारी देते हुए शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बड़े ऐलान की थी, जिसमें कृषि के विकास के लिए एक लाख करोड़ की बात कही गई थी, आज इसकी चौथी किस्त भी जारी कर दी गई है, इस ऐलान के बाद मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत से किसानों के हित की बात कही, पेश है बातचीत के कुछ अंश.
सवाल-कोरोना की वजह से गेहूं खरीदी में परेशानी आ रही है.
जवाब-कोरोना के बावजूद प्रकृति और भगवान की कृपा किसानों पर रही. कोरोना का कोई असर खेती, किसानों और गांवों पर नहीं हुआ. लॉकडाउन का कोई असर किसानों पर नहीं हुआ, अगर लॉकडाउन का असर होता तो उनका गुजारा कैसे होता. किसानों से 100 लाख मीट्रिक टन लगभग 75 प्रतिशत गेहूं खरीद लिया गया है. 30 मई तक खरीदी होगी, किसान का दाना-दाना खरीदने का पीएम मोदी ने निर्णय लिया है. चना, मसूर और सरसों कृषि विभाग नैफेड के माध्यम से खरीद रहा है. चना 4875, सरसों 4400 और मसूर समर्थन मूल्य से ज्यादा पर खरीदा जा रहा है.
सवाल-कोरोना से किसानों को फसल बेचने में काफी परेशानी आ रही है, इसके लिए क्या करेंगे.
जवाब-कांग्रेस सरकार ने 3500 सेंटर खोले थे, बीजेपी ने 4500 सेंटर खोले हैं. किसानों को शहर आने की जरुररत नहीं है. गांव में ही सेंटर बनाए गए हैं, किसानों को मंडी आने की जरुरत नहीं है. किसान अगर समर्थन मूल्य पर बेचना चाहे तो घर से ही माल उठा सकता है. सीएम शिवराज ने हम्माली में छूट दे दी है. हार्वेस्टर की व्यवस्था कराई. गेहूं, चना सरसों सब किसानों से खरीद रहे हैं. मध्यप्रदेश सरकार सरकार किसानों को ज्यादा भाव दे रही है, पिछली सरकार सिर्फ माफियाओं की सरकार थी.
सवाल-मंडी अधिनियम में संशोधन से किसानों को क्या लाभ मिलेगा.
जवाब- पीएम किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं. उनकी मंशा है बिचौलिए खत्म हो और किसानों का सीधा हस्तक्षेप हो. मंत्री ने कहा कि मांग और पूर्ति पर भाव मिलता है. जब मांग ज्यादा हो और पूर्ति कम हो तो भाव बढ़ता है, जब पूर्ति ज्यादा हो और मांग कम हो तो भाव कम होता है.
सवाल-कमलनाथ सरकार में चलने वाली किसान कर्जमाफी योजना को शिवराज सरकार ने बंद कर दिया है, इस पर क्या कहना है?