MP Youths Dandvat Yatra: यात्रा तो ये भी है... गांव तक सड़क लाने दंडवत यात्रा पर निकले एमपी के ये नौजवान - गुना के तीन लड़के गांव में सड़क बनाने की मांग
एमपी में एक तरफ राजनीतिक पार्टियों द्वारा यात्राएं निकाली जा रही है. वहीं दूसरी तरफ राघौगढ़ विधानसभा में सुल्तानपुर गांव के तीन युवक अपने गांव के विकास की मांग को लेकर दंडवत यात्रा निकाल रहे हैं. ये नौजवान मामा शिवराज से मिलने की इच्छा लेकर चले हैं, उनसे मिलकर गांव में सड़क बनाने की मांग करेंगे.
भोपाल।कांग्रेस और बीजेपी की चुनावी यात्राएं जिस समय शहरों और गांव का रुख कर रही हैं. तब अपने गांव में विकास लाने गुना जिले के तीन नौजवान दण्डवत यात्रा पर निकल गए हैं. राघौगढ़ विधानसभा के ये युवक अपने गाव में सड़क-तालाब-बिजली और स्कूल चाहते हैं. दंडवत यात्रा करते हुए ये कसम उठाकर निकले हैं कि मामा शिवराज को अपने गांव के लिए विकास की गारंटी लेकर ही लौटेंगे. गुना जिले के सुल्तानपुर और अमरपुरा गांव के रहने वाले नौजवानों ने 14 दिन पहले विदिशा में बेतवा में स्नान के साथ यात्रा शुरु की थी. जो अब भोपाल पहुंची है.
धूप बारिश धूल कीचड़ में 50 किमी दंडवत: गुना जिले की राघौगढ़ विधानसभा में गांव सुल्तानपुर और अमरपुरा गांव के तीन नौजवान चंचल, पवन और धनपाल को उम्मीद थी कि चुनाव तक उनके गांव में सड़क भी आ जाएगी और ट्रांसफार्मर भी लग जाएगा. लेकिन जब अब आचार संहिता लगने में ज्यादा समय नहीं बचा तो इनके सब्र का बांध टूट गया. इन तीन नौजवानों ने गांव के लोगों से राय मशवरा करके अपने गांव के विकास की गारंटी के लिए दंडवत यात्रा शुरु कर दी. चंचल और धनपाल ये दो नौजवान पूरे समय दण्वत चलते हैं. जबकि इनका साथी पवन तीनों का सामान उठाए चलता है.
दंडवत यात्रा निकालते तीन युवक
चंचल बताते हैं, "हमारे गांव में फसल चौपट हो गई है. बिजली का ट्रांसफार्मर नहीं है. सीसी रोड नहीं बनी. इसी सबके लिए हम शिवराज मामा के पास जा रहे हैं. वो जरुर सुनवाई करेंगे. विदिशा जिले में बेतवा में स्नान करने के बाद इन्होंने मंदिर में पूजा करके अपनी यात्रा शुरू की, जिससे गांव के विकास के लिए की जा रही इस यात्रआ में कोई विघ्न ना आए. इनकी यात्रा को 14 दिन बीत चुके हैं. अब इनकी मंजिल मुख्यमंत्री से मुलाकात है.
हाथ में लिए है संकल्प का नारियल:दंडवत इनमें से दो ही करते हैं. दोनों के हाथ में संकल्प का नारियल है. इस नारियल से नाप-नाप कर ही ये अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हैं. पवन बताते हैं, हमारे गांव में बच्चे आठ दस साल के हो गए, लेकिन स्कूल नहीं जा पाए. स्कूल की व्यवस्था ही नहीं है. गांव वालों से कहा था कि चलो. परेशानी भुगत रहे हैं लेकिन चलने तैयार नहीं हुए. तो हम तीनों ही निकल पड़े, लेकिन आपने अपने विधायक जयवर्धन सिंह को समस्या नहीं बताई. पवन कहते हैं उनकी पार्टी सरकार में नहीं है. डबल इंजन की सरकार तो हमारे मामा की ही है, वो ही समस्या का हल निकालेंगे. अपनी मुट्ठी में ये जो संकल्प का जो नारियल लिए हैं. काश ये नारियल विकास कार्यों की नींव के साथ इनके गांव का नसीब बन पाता. शर्मनाक है ये तस्वीर कि कीचड़ मिट्टी धूप बारिश में पेड़ियां भरते नौजवानों को लोकतंत्र में मिले अधिकार के लिए गुहार लगानी पड़ रही है.