भोपाल। मां और बच्चे का रिश्ता ऐसा होता है कि बच्चा चाहे जितना बड़ा हो जाए, उसे हर उम्र में मां की जरूरत पड़ती ही है. लेकिन इस कोरोना काल ने इस रिश्ते को भी ऐसे मोड पर ला दिया है,जहां फर्ज की खातिर मां को अपने बच्चे को छोड़कर पहले इस महामारी से लड़ रही है. जिससे इस बीमारी के चलते किसी और मां की गोद सूनी ना पड़ पाए. राजधानी की ऐसी ही एक डॉक्टर हैं, डॉ अंशुली मिश्रा. जिनकी ड्यूटी इस समय सर्वे के काम में लगी है. जिसकी वजह से वे अपनी 7 महीने की बेटी को खुद से करीब 300 किलोमीटर दूर अपनी मां के पास भेज दिया है.
अपनी इस परिस्थिति के बारे में डॉ अंशुली बतातीं हैं कि जब इस वायरस का असर शहर में बढ़ने लगा, तो हमारे लिए बहुत जरुरी था कि हम इसे रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश करें. ऐसे में हमें हाई रिस्क में रहना होता है. इसलिए मैंने ये तय किया कि अपनी बच्ची को अपने मायके में छोड़ दूं, क्योंकि यहां काम के चलते मैं उसकी देखभाल नहीं कर पाती थी और उसे भी खतरा रहता.