भोपाल।आज से करीब 17 दिन पहले प्रयागराज में इलाज ना मिल पाने के कारण रूही खान करीब 700 किलोमीटर की दूरी तय कर इलाज के लिए भोपाल के निजी मेडिकल कॉलेज में आई थी. उस समय वह गर्भवती थी. महिला की RT-PCR रिपोर्ट में वह कोरोना पॉजिटिव थी और ऑक्सीजन सैचुरेशन 80 के करीब था. बच्ची को जन्म देने के बाद मां ने कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवां दी थी. इसके बाद अस्पताल वालों ने ही नवजात बच्ची की देखभाल की और इलाज किया. गुरुवार को पूरी तरह स्वस्थ बच्ची को 18 दिन बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रिश्तेदारों को सौंपा. अस्पताल के स्टाफ की हौसला अफजाई करते हुए मंत्री ने कहा कि हमें ऐसे कोरोना योद्धाओं पर गर्व है.
- जन्म से ही बच्ची को था कोरोना संक्रमण
बच्ची जब पैदा हुई तो वह बहुत कमजोर थी, और उसकी कोरोना की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. निजी हॉस्पिटल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिचा राठौर की देखरेख में उसका इलाज चालू हुआ. आज करीब 18 दिन बाद बच्ची ठीक होकर अपने परिजन के पास जा रही है. इस दौरान पीपुल्स हॉस्पिटल की नर्सिंग सुपरिटेंडेंट गिरजा उन्नी के नेतृत्व में नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे की बहुत अच्छे से देखभाल की. जिसके परिणाम स्वरूप बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गई.
- अस्पताल ने की अच्छी देखभाल
बच्ची के पिता हाशिम ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद उसे हॉस्पिटल में छोड़ इलाहाबाद वापस चला गया था. यहां पर बच्ची की देखभाल के लिए परिवार के अन्य सदस्य थे. निजी हॉस्पिटल वालों ने हमारी अनुपस्थिति में बिना मां के बच्चे का बहुत अच्छे से ध्यान रखा. मेरे परिवार जनों को किसी प्रकार का कोई प्रेशर नहीं दिया. आज हमारी बच्ची स्वस्थ हो गई है और वह पहली बार अपने घर जा रही है.
ऐसी आस्था से कैसे भागेगा कोरोना ? उड़ा दी गाइडलाइन की धज्जियां
- हौसले के साथ इलाज करके बच्ची को बचाया