भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही कानून व्यवस्था को पुख्ता करने के तमाम दावे होते हों, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश एक बार फिर बाल अपराधों (crimes against child), मासूमों के साथ दुराचार (rape with minors) और आदिवासियों के उत्पीड़न (harassment of tribals) के मामले में देश में शीर्ष पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) द्वारा साल 2020 की जारी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश इन अपराधों में सबसे ऊपर है. उधर प्रदेश में अपराधों के ग्राफ को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज सरकार के 16 सालों के विकास की यह तस्वीर है.
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध
एनसीआरबी (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में बच्चों के साथ अपराधों के मामले में मध्य प्रदेश पहले पायदान पर है. देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित बच्चे मध्य प्रदेश में हैं. नाबालिग के साथ रेप (rape with minors) के मामले में भी मध्य प्रदेश शीर्ष पर है.
साल 2020 में मध्य प्रदेश में 17,008 बाल अपराध रिकाॅर्ड किए गए. हालांकि 2019 में बाल अपराधों का आंकड़ा 19,028 और 2018 में 18,892 था. पिछले दो सालों में अपराध भले ही कम हुए हों, लेकिन इसके बाद भी यह देश में सबसे ज्यादा हैं. बाल अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे, महाराष्ट्र तीसरे स्थान और पश्चिम बंगाल चौथे स्थान पर है.
प्रदेश में बच्चियों से रेप के मामले में भले ही फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया हो, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश बच्चों से रेप के मामले में सबसे ऊपर है. एनसीआरबी के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में प्रदेश में ऐसे 3,262 मामले सामने आए हैं, जो सभी राज्यों से कहीं ज्यादा हैं. महाराष्ट्र में ऐसे 2,800 मामले और उत्तर प्रदेश में 2,533 मामले सामने आए हैं.
अनुसूचित जाति जनजाति के उत्पीड़न के मामले भी मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है. 2020 में मध्य प्रदेश में एससी से अपराधों के 6,899 मामले सामने आए. इस मामले में सबसे ज्यादा अपराध उत्तरप्रदेश में 12,714 हैं.