मुरैना। छोटे भाई की पत्नी की हत्या के मामले में सबलगढ़ से कांग्रेस के विधायक बैजनाथ कुशवाह पर मामला दर्ज कर लिया गया है. उनके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है. इस मामले में कुशवाह के परिवार के 7 सदस्यों पर भी हत्या का मामला दर्ज कर वारंट जारी किया गया है. हत्या की यह वारदात 6 साल पहले हुई थी, तब बैजनाथ कुशवाह विधायक नहीं थे. कुशवाह ने सबलगढ़ कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है.
कांग्रेस MLA बैजनाथ कुशवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, यह है मामला
बैजनाथ कुशवाह के छोटे भाई हरीसिंह कुशवाह की पत्नी अंगूरी कुशवाह का 10 दिसंबर 2015 खेत में शव मिला था. इस मामले में अंगूरी के भाई गोरेलाल कुशवाह ने सबलगढ़ कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मामले में विधायक बैजनाथ पुत्र पुन्नाराम कुशवाह, विधायक के बड़े भाई दर्शनलाल कुशवाह, लक्ष्मीनारायण कुशवाह, छोटे भाई लाखन के अलावा परिवार के अन्य सदस्य बदन सिंह, त्रिवेणी और रेणू कुशवाह के खिलाफ अंगूरी की चरित्र संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर शव खेत में बने कुएं में फेंक दिए जाने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में सुनवाई के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार गोयल की अदालत ने अंगूरी की हत्या के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. कोर्ट ने कैलारस थाना पुलिस को 8 अक्टूबर को सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है.
मृतका के 8 साल के बेटे ने दी गवाही
मामले के ट्राइल के दौरान मृतका के 8 साल के बेटे कुनाल उर्फ गोले और भाई छिददीलाल ने अदालत में धारा 319 के तहत एक आवेदन पेश किया जिसमें कुणाल ने खुद का को घटना का चश्मदीद गवाह बताते हुए मां अंगूरी की हत्या में ताऊ व कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह पुत्र पुन्नाराम कुशवाह समेत दर्शन 55, लक्ष्मीनारायण 60 व लाखन सिंह 45 पुत्र पुन्नाराम, बदन सिंह 35 पुत्र केदार सिंह कुशवाह, त्रिवेणी 40 पत्नी लाखन सिंह व रेनू 20 पत्नी वीरू कुशवाह को लिप्त बताया. अदालत ने मृतका के बेटे व भाई के बयानों के आधार पर अंगूरी की हत्या के मामले में संज्ञान लेते हुए कांग्रेस विधायक बैजनाथ समेत सात लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
तीसरी बार दर्ज कराए गए बयान
आपको बता दें कि इस मामले में सबलगढ़ से कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह के खिलाफ पहले भी मृतका के मायके पक्ष के लाेग ऐसा ही परिवाद कोर्ट में पेश कर चुके हैं, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था और रिवीजन भी निरस्त किया गया, लेकिन फरियादी पक्ष ने तीसरी बार फिर से कोर्ट में उनके खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं. इस पूरे मामले पर विधायक बैजनाथ कुशवाह का कहना है कि
मैंने या मेरे परिवार के किसी सदस्य ने अंगूरी को हाथ तक नहीं लगाया, उस दिन मैं गांव में ही नहीं था. अंगूरी पाइप बांधते समय कुएं में गिर गई. मोटर के स्टैंड पर फंसने से उसे चोटें आईं, जिससे उसकी मौत हुई. राजनीतिक द्वेष के कारण मृतका के भाई ने यह परिवाद लगाया है,उसका परिवाद दो बार पहले कोर्ट में अस्वीकार हो चुका है, तीसरी बार में कोर्ट ने परिवाद स्वीकार किया और यह फैसला दिया है जो सही नहीं है, मैं इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करूंगा.
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