भोपाल।मौसम विभाग (Meteorological department) के मुताबिक, 18 अगस्त के बाद से भोपाल (Bhopal) सहित जबलपुर (Jabalpur), होशंगाबाद (hoshangabad), शहडोल (Shahdol), ग्वालियर (Gwalior) और इंदौर (Indore) के जिलों में बारिश (Rain) की संभावना है. बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात के कारण एक बार फिर से प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू होने जा रहा है.
रिमझिम बारिश से मिली राहत
वहीं, शहडोल जिले में कुछ दिन के ब्रेक के बाद एक बार फिर से मंगलवार दोपहर बाद से ही झमाझम बारिश का दौर देखने को मिला, पिछले कुछ दिन से जिले में बारिश नहीं हुई थी, गर्मी और उमस से लोगों का हाल बेहाल था, लेकिन झमाझम बरसात ने एक बार फिर से मौसम में ठंडक घोल दी है. गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिली है.
मौसम हुआ सुहाना, गर्मी से मिली राहत
शह अचानक हुई तेज बरसात से एक बार फिर से मौसम सुहाना हो गया है. पिछले कुछ दिनों से तेड धूप के कारण लोगों का हाल बेहाल था, लेकिन अब एक बार फिर से हुई झमाझम बरसात की वजह से मौसम सुहाना हो गया है, लोगों को गर्मी से राहत मिली है.
आने वाले 5 दिन भारी बारिश की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी के मुताबिक, भारत मौसम विभाग से जो मध्यम अवधि के पूर्वानुमान मिले हैं उसके मुताबिक अगले 5 दिनों के दौरान 18 अगस्त से 22 अगस्त तक शहडोल जिले में बादल छाए रहने और 18 से 22 अगस्त तक मध्यम से भारी बारिश होने की चेतावनी है. इस दौरान गरज चमक के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है.
भरभरा कर गिरा सिंध नदी पर बना पुल, पैदल गुजर रहे 3 लोग नदी में गिरे, दो बचे एक की तलाश जारी
ग्वालियर में अच्छी बारिश की उम्मीद
सामान्य तौर पर अगस्त का महीना ग्वालियर चंबल में अच्छी बारिश के लिए जाना जाता है, लेकिन शुरुआती महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद जगाने के बाद मानसून एक बार फिर से रूठ गया है. ऐसे में अब मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि 24 अगस्त तक ग्वालियर चंबल संभाग में अच्छी बारिश की उम्मीद है. इस सीजन में ग्वालियर में ही औसतन बारिश 474 मिलीमीटर दर्ज की जाती है जो अभी सिर्फ 447 मिलीमीटर पर ही अटकी है. फिलहाल, ग्वालियर ने अभी तक सामान्य बारिश का आंकड़ा भी नहीं छूआ है.
किसानों के खिले चेहरे
कुछ दिन के बाद हुई झमाझम बरसात में एक बार फिर से किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है वजह है कि अभी भी जिले में कहीं-कहीं धान की रोपाई का कार्य चल रहा है और जिस तरह से तेज धूप हो रही थी उसकी वजह से धान सूखने की कगार पर पहुंच रहे थे उन्हें पानी की जरूरत थी और एक बार फिर से झमाझम बरसात ने किसानों के चेहरे में मुस्कान ला दी है कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वर्तमान में विभिन्न खरीफ फसल जैसे खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए निराई गुड़ाई करना आवश्यक है और मूंगफली उड़द मूंग की निंदाई के बाद उन पर आवश्यक यूरिया का छिड़काव करें.
इसके अलावा जो किसान धान का रोपा देरी से लगा रहे हैं वह रोपाई के एक हफ्ते बाद समान रूप से नील हरित शैवाल 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पूरे खेत में फैला दे नील हरित शैवाल मृदा में 30 से 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नत्रजन उपलब्ध कराने साथ ही मृदा में नमी बनाए रखने का कार्य करता है इसके अलावा किसानों को सलाह दी गई है कि वे धान की फसलों में निराई गुड़ाई करें और खरपतवार निकालने के बाद अनुशंसित नाइट्रोजन उर्वरक डालें.