भोपाल। विधानसभा का 4 दिन चलने वाला मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष ने इस कदर हंगामा किया कि 4 दिन चलने वाला सत्र महज पौने तीन घंटे खत्म हो गया. हंगामे के चलते मंगलवार को न तो कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो सकी और न ही अनुपूरक बजट पर. प्रश्नकाल के बाद 45 मिनट में बिना चर्चा के 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास हो गए. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन की कार्यवाही के साथ शुरू हुआ हंगामा
विधानसभा के दूसरे दिन की कार्यवाही ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंकझोंक के साथ शुरू हुई. कांग्रेस विधायक एप्रिन पहनकर सदन में पहुंचे और 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ओबीसी और आदिवासी के नाम पर भ्रम फेला रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर तत्कालीन सरकार ने अपने शासन के दौरान कोई प्रयास नहीं किया. ओबोसी को 27 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए आखिर तक लड़ाई लडूंगा.
पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
मुख्यमंत्री शिवराज ने आरोप लगाया कि कमलनाथ ने पिछड़े वर्ग की पीठ पर छुरा घोंपा है. हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महंगाई को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने महंगाई के मुद्दे पर स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की. हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका. बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया.
हंगामेदार हो सकता है विधानसभा का मानसून सत्र, विपक्ष ने की बेरोजगारी, महिला अपराध पर चर्चा की मांग
सरकार कर रही छलावा- कांग्रेस विधायक