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कहां गए 5721 नौनिहाल? इनमें भी बच्चियों की तादाद चार हजार के पार, कांग्रेस को शक- लीपा पोती कर रही है सरकार

एमपी पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मुस्कान के बाद भी प्रदेश के साढे़ 5 हजार से ज्यादा बच्चों की तलाश अब भी जारी है. . कांग्रेस इसे सरकार की हीलाहवाली से जोड़ कर देख रही है वहीं भाजपा सांसद बड़े खुलासे की बात कर रही हैं.

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गुमशुदा बच्चों पर राजनीति तेज

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Published : Jul 11, 2021, 2:14 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 2:23 PM IST

भोपाल। एमपी पुलिस का ऑपरेशन मुस्कान अब तक 5 हजार से ज्यादा बच्चों के परिवारों को मुस्कुराहट की सौगात नहीं दे पाया है. बच्चों की तलाश अब भी जारी है. इस मुद्दे पर राजनीति जोरों पर है. कांग्रेस इसे सरकार की हीलाहवाली से जोड़ कर देख रही है उसे शक है कि मामला कुछ और ही है. वहीं भाजपा सांसद बड़े खुलासे की बात कर रही हैं. मामले ने तब तूल पकड़ा जब MP के बच्चे तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से रेस्क्यू किए गए.

बच्चों की गुमशुदगी पर कांग्रेस का भाजपा से सवाल

अब तक पुलिस खाली हाथ

इन बच्चों के बारे में अब तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है. सबसे चैंकाने वाला तथ्य यह है कि गायब हुए बच्चों में सबसे ज्यादा 4576 बच्चियां हैं. उधर प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं.

मानव तस्करी की बू

साल 2020 में मानव तस्करी के करीब 80 मामले सामने आए हैं. मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल के 20 बच्चे छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर से छुडाए गए हैं. हैरानी की बात ये है कि 20 दिन पहले शुरु हुई एक एनजीओ के पास यह बच्चे मिले. जिनमें 10 लड़के और 10 लड़कियां हैं. बच्चों को गैरकानूनी तरीके से रायपुर में एक ही मकान में रखा गया था.

बताया गया कि इन बच्चों में से कुछ के माता-पिता का कोरोना से निधन हो गया है. वहीं बाल आयोग के सदस्य मानव तस्करी की घटना से इंकार नहीं कर रहे हैं।

तेलंगाना में भी ऐसा ही कुछ हुआ

तेलंगाना के चैतुप्पल मंडला के दमेरा गांव से वेंकटेश्वर इंडस्ट्री से करीब 20 बच्चों का रेस्क्यु किया गया. यह बच्चे मंडला जिले के हैं. उधर बाल आयोग ने पूछा है कि आखिर यह बच्चे यहां कैसे पहुंचे? आयेाग बच्चों की तस्करी की घटना से भी फिलहाल इंकार नहीं कर रहा है.

पिछले साल हुई 80 मानव तस्करी की घटनाएं
प्रदेश में हर साल मानव तस्करी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. एनसीआरबी के मुताबिक साल 2018 में मध्यप्रदेश में मानव तस्करी की 62 घटनाएं दर्ज की गई थीं. साल 2019 में इस तरह की 73 घटनाएं रिकार्ड की गई. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020 में मानव तस्करी की 80 घटनाएं सामने आईं.


प्रदेश के 5721 बच्चे अब भी तलाश
मध्यप्रदेश से अभी भी 5721 बच्चे लापता हैं। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020 के अंत के मुताबिक 4576 बच्चियां और 1145 बच्चों की तलाश की जा रही है.

पिछले साल 2020 में लापता हुए बालक-बालिकाओं की संख्या 8992 थी, जिसमें से 7475 बच्चियां और 1517 बच्चे शामिल थे. साल 2020 में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेश भर में लापता बच्चों को ढूंढने के लिए अभियान चलाया गया था. जिसके चलते 10 हजार 35 बच्चों को ढूंढ निकाला गया. इनमें भी 8371 बच्चियां और 1664 बच्चे मिले थे.

प्रदेश में फिर शुरू होगा ऑपरेशन मुस्कान
उधर प्रदेश में गुम हुए बच्चों को ढूंढने को लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा एक बार फिर ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया जाएगा. यह अभियान इसी माह शुरु होने जा रहा है. इसके लिए प्रदेश भर से लापता हुए बच्चों का डाटा जुटाया जा रहा है.

कांग्रेस की मांग टास्क फोर्स बनाए सरकार
उधर कांग्रेस ने गायब हुए बच्चों को ढूंढने के लिए स्पेशल टाॅस्क फोर्स बनाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने कहा है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार में लगातार बच्चे गायब हो रहे हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए स्पेशल टाॅस्क फोर्स बनाकर कार्रवाई की जानी चाहिए.
भोपाल सांसद बोलीं जल्द अधिकारियों से करूंगी चर्चा
उधर, इस मसले पर भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वो अधिकारियों से चर्चा करेंगी. हालांकि जाते जाते वो कुछ ऐसा बोल गईं जिससे कयास लगाया जा रहा है कि इसमें कुछ नामचीन लोग शामिल हो सकते हैं.

Last Updated : Jul 11, 2021, 2:23 PM IST

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