भोपाल। कांग्रेस विधायक निलय डागा पर आयकर की छापामार कार्रवाई को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बयान दिया कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान मंत्री रहे कांग्रेस नेताओं के घर पर अगर आयकर और अन्य एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की, तो इससे भी बड़ी मात्रा में अकूत संपत्ति मिलेगी.
पूर्ववर्ती सरकार पर लगाया आरोप
मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. कांग्रेस विधायक निलय डागा पर जिस तरह की कार्रवाई हुई. उनके पास जिस तरह की अकूट संपत्ति मिली है, वह चैंकाने वाली है.
विश्वास सारंग ने ये भी आरोप लगाया कि जिस तरह की कार्रवाई निलय डागा पर हुई है, वैसी कांग्रेस के दूसरे विधायकों पर भी होनी चाहिए. इससे पता चलेगा कि पूर्ववर्ती सरकार में किस हद तक भ्रष्टाचार हुआ है. विश्वास सारंग ने कहा कि कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेताओं पर अगर आयकर और दूसरे एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की, तो इससे भी ज्यादा अकूट संपत्ति मिलेगी.
निलय डागा के पास मिली करोड़ों की संपत्ति
कांग्रेस विधायक निलय डागा के पास से करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है. कार्रवाई के दौरान करीब 8 करोड़ रुपए नगद जब्त किए जा चुके हैं. इसमें से 7.50 करोड़ रुपए सोलापुर से जब्त किए गए हैं. यह रकम बैंक और बोरी में भरकर रखे गए थे.
बैतूल विधायक के सोलापुर आवास से 7.50 करोड़ कैश बरामद
बैतूल के कांग्रेस विधायक और उद्योगपति निलय डागा के घर और ऑफिस पर इनकम टैक्स की रेड से हड़कंप मच गया है. आयकर विभाग ने कांग्रेस विधायक निलय डागा की सोलापुर महाराष्ट्र स्थित ऑयल फैक्ट्री से रविवार को साढ़े सात करोड़ रुपए नकद जब्त किए हैं. ये राशि बैग और बोरियों में भरी हुई थी. बताया जा रहा है कि डागा का एक कर्मचारी बैग और बोरिया लेकर भागने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया. आयकर विभाग भोपाल के इतिहास में ये सबसे बड़ी नकदी की जब्ती है.
चार दिन से निलय डागा के ठिकानों पर छापा
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारी 4 दिनों से डागा के बैतूल, सतना, सोलापुर और कोलकाता स्थित 20 ठिकानों पर छानबीन करने में जुटे है. इनमें डागा के अलग-अलग आवासीय ठिकाने शामिल हैं. कुछ ठिकानों पर प्रतिबंधात्मक आदेश चस्पा किए गए हैं, इसके अलावा डागा परिवार के पांच बैंक लॉकर्स का खुलना अभी बाकी है. आयकर विभाग को छानबीन के दौरान कई शेल कंपनियां भी मिली हैं. इंसेल कंपनियों में करीब 200 करोड़ रुपए के दस्तावेज बरामद हुए हैं. जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह नंबर दो के पैसे को नंबर एक में बदलने के लिए इस तरह की कवायद की गई है.
हवाला लेनदेन संबंधी दस्तावेज बरामद