भोपाल। प्रदेश में ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट फंगस के मामले भी आने लगे हैं. वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि इस तरह की बीमारियों के तुरंत इलाज के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देशित किया गया है. साथ ही ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी को भी जल्द पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंजेक्शन के विकल्प के तौर पर ओरल मेडिसिन भी लिए जाने की जानकारी कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दी है. ऐसे में 12 हजार टेबलेट रविवार के दिन ही आ जाएंगी, जिसे फंगस के इलाज में उपयोग किया जाएगा.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग व्हाइटऔर ब्लैक दोनों फंगस एक साथ
हमीदिया अस्पताल में भर्ती 42 वर्षीय मरीज की सांस नली में व्हाइट और ब्लैक दोनों फंगस एक साथ मिले हैं.दरअसल, 22 अप्रैल को इस मरीज को उसके परिजनों ने हमीदिया अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव होने के चलते भर्ती कराया था. जिसके 10 दिन तक भर्ती रहने के बाद वह अपने घर चले गए थे, लेकिन घर जाने के बाद कुछ दिन बाद ही उनको सीने में दर्द होना शुरू हो गया. परिजन 21 मई यानी शुक्रवार को उन्हें हमीदिया अस्पताल जांच के लिए लेकर आए.
गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के अनुसार दर्द का कारण जानने के लिए उनकी मेडिकल जांच की गई, लेकिन सही कारण पता नहीं चलने के कारण इमरजेंसी में जांच की गई. इसी से मालूम हुआ कि उनकी श्वास नली के ऊपरी हिस्से में व्हाइट और नीचे के हिस्से में ब्लैक फंगस का संक्रमण है, जिसके बाद डॉक्टरों ने दवा देना शुरू कर दिया. फिलहाल, दवा मिलने के बाद मरीज को आराम है.
मरीज को दिए जाएंगे एंटी फंगल इंजेक्शन
अब सोमवार यानी कल से मरीज को एंटी फंगल इंजेक्शन दिए जाएंगे. उसका असर देखने के बाद ही यह डिसाइड किया जाएगा कि मरीज की सर्जरी होना है या नहीं. वहीं, ग्वालियर के भी जयारोग्य अस्पताल में ब्लैक और व्हाइट फंगस का मामला सामने आया है. जिसमें 25 वर्षीय एक युवक को यह दोनों फंगस के साइन मिले हैं. जिसके बाद ऑपरेशन करके यह दोनों फंगस निकाले गए.डॉक्टरों के मुताबिक, डबरा का रहने वाला युवक कुछ दिन पहले ही ग्वालियर में करोना की शिकायत लेकर भर्ती हुआ था.
मंत्री विश्वास सारंग ने कही ये बात
मरीज के ठीक होने के बाद युवक की आंखों में सूजन आने की शिकायत मिली है. इसके बाद परिजनों ने इसे अस्पताल में भर्ती कराया था. वहीं दूसरी ओर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि व्हाइट फंगस या जो भी नए तरह की बीमारियां आ रही हैं उनके तुरंत इलाज के निर्देश सभी मेडिकल कॉलेज को दिए गए हैं. डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है की ऐसी बीमारियों के इलाज में तुरंत मरीज को इलाज मुहैया कराया जाए.
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इंजेक्शन के विकल्प का उपयोग
वहीं, ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की कमी के सवाल पर सारंग का कहना है कि फिलहाल, पूरे देश में ही इसके इंजेक्शन की कमी है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इसके इंजेक्शन लाए जा सके. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा एक ओरल टेबलेट का भी सुझाव आया है, जिसकी खरीद सरकार कर रही है और रविवार देर रात तक टेबलेट प्रदेश में आ जाएंगी. जिनकी संख्या अभी 12 हजार है. इस टेबलेट को ब्लैक फंगस के उपयोग में आने वाले इंजेक्शन के सब्सीट्यूट में उपयोग किया जाएगा. फंगस को लेकर डॉक्टरों का कहना है की ब्लैक और व्हाइट फंगस के शुरुआती दिनों में ही इसको पकड़ लिया जाए तो जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सकता है.