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विभागीय बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश - Scheduled Caste and Tribe Welfare Minister Meena Singh

मंगलवार को अनुसूचित-जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने विभागीय बैठक ली. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को छात्रवृत्ति की राशि समय पर देने के निर्देश दिए.

Minister Meena Singh took departmental meeting
मंत्री मीना सिंह ने ली विभागीय बैठक

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Published : Aug 18, 2020, 7:56 PM IST

भोपाल। अनुसूचित-जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंक खातों में समय पर पहुंचे. प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के कल्याण की योजनाओं में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा. मीना सिंह मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में अनुसूचित-जाति वर्ग की विभागीय योजनाओं की समीक्षा भी की.

मंत्री ने कहा कि सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में जिन चयनित युवाओं को मदद दी जा रही है, उन्हें यूपीएससी, पीएससी सेवा परीक्षा के अलावा अन्य शासकीय सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति जिन युवाओं को दी गई है, उन्हें उसके अनुरूप रोजगार मिले. बैठक में बताया गया कि पिछले साल अनुसूचित-जाति वर्ग के 47 विद्यार्थियों का चयन विदेश में उच्च अध्ययन के लिए किया गया था. इस साल 50 विद्यार्थियों को चयनित कर उच्च अध्ययन के लिए विदेश भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है. बीते 2 सालों में विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति में 68 विद्यार्थियों को 14 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है.

बैठक में बताया गया कि अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर पुरस्कार दिया जा रहा है, 12वीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 51 हजार और 10वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 30 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई. प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों में ज्ञानोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. इन विद्यालयों में अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने की क्षमता को प्रति विद्यालय 280 से बढ़ाकर 640 किया गया है.

विभाग की अनुसूचित-जाति बस्ती विकास योजना में पिछले वर्ष 755 कार्यों को स्वीकृति दी गई. इनमें से 522 कार्य पूर्ण कराए गए हैं और इन पर करीब 51 करोड़ की राशि खर्च की गई है. इस साल 80 करोड़ रुपए से अनुसूचित-जाति बस्ती के विकास पर खर्च की जाएगी. प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में पिछले साल अनुसूचित-जाति वर्ग के 3602 हितग्राहियों को 150 करोड़ रुपये ऋण दिया गया. साथ ही करीब 43 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में चयनित युवाओं को रोजगार शुरू करने के लिये उपलब्ध कराया गया.

आयुक्त, आदिम जाति कल्याण बी. चन्द्रशेखर ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में इस वर्ष चयनित गांव को 40 करोड़ रुपए पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ग्रामीण सड़कों, कौशल विकास आदि पर खर्च किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए 51 जिलों में विशेष पुलिस थाने कार्य कर रहे हैं. विधि एवं विधायी कार्य विभाग में 50 जिलों में विशेष न्यायालय कार्य कर रहे हैं.

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