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भोपालः मंत्री मीना सिंह ने केंद्र सरकार से आदिवासी क्षेत्र के लिए मांगी आर्थिक मदद

कोरोना संकट के बीच केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग बैठक बुलाई है. जिसमें प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मुख्य रूप से उपस्थित हुई. जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में आदिवासी क्षेत्रों के लिए आर्थिक मदद की मांग की है.

Minister Meena Singh seeks financial help from the central government for the tribal area in bhopal
मंत्री मीना सिंह ने केंद्र सरकार से आदिवासी क्षेत्र के लिए मांगी आर्थिक मदद

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Published : May 13, 2020, 2:43 PM IST

भोपाल|कोरोना संकट के बीच केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा बुलाई गयी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मुख्य रूप से उपस्थित हुई. इस बैठक में प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण पल्लवी जैन गोविल और आयुक्त आदिवासी विकास बी चन्द्रशेखर भी मौजूद थे.

आदिवासी क्षेत्रों के लिए मांगी आर्थिक मदद

इस बैठक के दौरान आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में आदिवासी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए केंद्र की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद को बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होने 'बंधन' योजना में 15 से 20 महिलाओं के समूह को मिलने वाली डेढ़ लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर ढाई लाख रूपए करने की बात कहीं.

अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती देने की आवश्यकता

वीडियो कांफ्रेंस की शुरुआत में केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्री अर्जुन मुंड़ा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण आदिवासी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती देने की आवश्यकता महसूस की गई है. इसी को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यों के आदिम जाति कल्याण मंत्रियों से चर्चा की जा रही है.

आदिवासी क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों की वापसी

आदिम जाति कल्याण मंत्री ने बताया कि कोरोना संकंट के कारण प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई है. ऐसे में इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार आधारित कार्य शुरू किए जाने की आवश्यकता है. मंत्री मीना सिंह ने आदिवासी समेत अन्य परिवार के विस्थापन में दी जाने वाली 10 लाख रूपए की मुआवजा राशि को कम बताते हुए कहा कि विस्थापन के कारण उनका रोजगार भी प्रभावित होता है. ऐसे में मुआवजा की राशि बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. मंत्री मीना सिंह ने बताया कि प्रदेश में महुआ की खरीदी 35 रुपए किलो की दर पर की जा रही है. इसके साथ ही वनवासियों से तेन्दूपत्ता 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जा रहा है.

आदिवासी बाहुल क्षेत्र में 86 बंधन केंद्र

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 15 जिलों के आदिवासी बाहुल क्षेत्र में 86 बंधन केंद्र मंजूर हुए हैं. प्रत्येक बंधन केंद्र में 300 सदस्य जोड़े गए हैं. जो वनोपज संग्रहण का काम कर रहे हैं. बंधन से जुड़े सदस्यों को लघु वनोपज प्र-संस्करण के प्रशिक्षण और उपकरण देने का काम किया जा रहा है.

हाट-बाजार में 'अपनी दुकान' विकसित की गई

केंद्र सरकार से बंधन केन्द्रों के विकास के लिए प्रदेश को 7 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है. प्रदेश में वनोपज की बिक्री के लिए हाट-बाजार में 'अपनी दुकान' विकसित की गई है. इन दुकानों के माध्यम से वनवासियों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में लघु वनोपज के 12 किस्मों के समर्थन मूल्य राज्य शासन द्वारा घोषित किए गए हैं.

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