भोपाल। राजधानी से लगे उपनगर कोलार का नगर निगम भोपाल में विलय होने के बाद कमलनाथ सरकार इसे निगम से हटाकर नगर पालिका बनाने में की तैयारी कर रही है. जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष में सियासत शुरू हो गई है. वहीं इस मामले में नगरीय प्रशासनिक मंत्री जयवर्धन सिंह ने इस फैसले को भोपाल कलेक्टर पर छोड़ा है.
उपनगर कोलार को नगर निगम से नगर पालिका बनाने पर शुरू हुई सियासत, मंत्री जयवर्धन ने कलेक्टर पर छोड़ा फैसला
राजधानी से लगे उपनगर कोलार का नगर निगम भोपाल में विलय होने के बाद कमलनाथ सरकार इसे निगम से हटाकर नगर पालिका बनाने में की तैयारी कर रही है. जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष में सियासत शुरू हो गई है.
मंत्री जयवर्धन सिंह का कहना है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, हर चुनाव के पहले सभी नगर निगम और नगर पालिका सीमा संशोधन और सीमा वृद्धि होती है और साथ में वार्डों का विभाजन होता है. उन्होंने कहा कि इसमें मेरे विभाग की ओर से भी एक राय नहीं है. कुछ लोग आवेदन प्रस्तुत कर कोलार नगर निगम भोपाल में ही शामिल रहने की बात कह रहे हैं.
जबकि कुछ कुछ लोग इसे फिर से नगरपालिका बनाने का कह रहे हैं. इस तरह की बातें जनता की तरफ से सामने आ रही है. जयवर्धन ने कहा कि इसका दायित्व कलेक्टर का है. कलेक्टर को जनता से जो फीडबैक मिलेगा उसके आधार पर कोलार का फैसला किया जाएगा.