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अवैध रेत परिवहन का गढ़ बन चुका बैरसिया, खनिज विभाग और पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

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Published : Dec 4, 2020, 7:59 PM IST

राजधानी भोपाल का बैरसिया अवैध रेत परिवहन का गढ़ बन चुका है. रोजाना दर्जनों ओवरलोड डंपर यहां पर दिखाई देते हैं. खास बात ये है कि खनिज विभाग, आरटीओ और पुलिस इन पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रही है.

Berasia has become a stronghold of illegal sand transport
अवैध रेत परिवहन का गढ़ बन चुका बैरसिया

भोपाल। राजधानी भोपाल का बैरसिया इन दिनों अवैध रेत परिवहन का गढ़ बन चुका है. रोजाना दर्जनों की संख्या में ओवरलोड रेत के डंपर बैरसिया में दिखाई देते हैं. सूत्रों की मानें तो इनमें से कई डंपर बिना रॉयल्टी के ही रेत का परिवहन करते हैं. अगर उनके पास रॉयल्टी भी होती है तो वह क्षमता से अधिक रेत का परिवहन करते हैं. यह सब कुछ भोपाल के लांबा खेड़ा से बैरसिया नगर के बीच देखने को मिल रहा है. रोजाना लांबा खेडा की और से बैरसिया की तरफ दर्जनों की संख्या में डंपर रेत लेकर आते हैं. इनमें से अधिकतर डंपर ओवरलोड होते हैं, जो अपनी क्षमता से कई गुना ज्यादा रेत लेकर आते हैं. बताया जा रहा है कि यह सभी डंपर रसूखदार लोगों के हैं. जिसकी वजह से पुलिस इन पर हाथ डालने में संकोच करती है. यह सभी डंपर ईटखेड़ी थाना,गुनगा चेकिंग पॉइंट,इमला चौकी और बैरसिया थाने के सामने से होकर गुजरते हैं. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता हैं कि शायद पुलिस किसी दबाव में है जो इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती हैं.

एक्सीडेंट के बढ़ रहे है केस

ओवरलॉड डंपरों की वजह से सड़क पर कई जगह गड्ढें पड़ गए है. जानकारों का मानना है कि क्षमता से अधिकार लोड वाले वाहन से सड़क खराब हो रही है. जिस वजह से सड़क दुर्घटनाएं भी बहुत हो रही है. भोपाल के लांबा खेड़ा से लेकर गोल खेड़ी तक का इलाका एक्सीडेंट जोन बन गया है.आए दिन यहां पर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. उनमें ज्यादातर अज्ञात वाहनों द्वारा टक्कर मारने की बात सामने आती है.


खनिज विभाग के अधिकारियों के आने से पहले गायब हो जाते हैं डंपर

रेत डंपरों को पकड़ने के लिए जब खनिज विभाग की टीम आती है, तो उस समय वह रेत के डंपर गायब हो जाते हैं या फिर डंपर को कहीं भी खड़ा कर कर चले जाते हैं. जिससे खनिज विभाग के अधिकारी उनपर पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाते. खनिज विभाग के अधिकारी उन्हीं डंपरों को पकड़ पाते हैं. जिन पर उनको ड्राइवर मिलता है और जिन पर उनको ड्राइवर नहीं मिलता वह उनको वहीं पर छोड़ कर चले जाते हैं. सूत्रों की मानें तो अवैध रेत का परिवहन करने वालों ने अपने मुखबिर लगा दिए हैं. जिससे कि उनको खनिज विभाग के अधिकारियों के आने की सूचना लग जाती है और सतर्क हो जाते हैं.

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