भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार लॉकडाउन के दौरान लौटे प्रवासी मजदूरों की उनके योग्यता के मुताबिक काम दिलाने के लिए 'रोजगार सेतु' योजना बना रही है. सरकार अब ऐसे मजदूरों का डोर टू डोर सर्वे कराने जा रही है. इसके आधार पर कुशल मजदूरों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा. इसके बाद एमएसएमई के माध्यम से उद्योगों को कुशल मजदूर उपलब्ध कराए जाएंगे. इस तरह से सरकार श्रमिकों, फैक्ट्री संचालकों और बड़े ठेकेदारों के बीच सेतु की भूमिका निभाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हर श्रमिक का कल्याण सरकार का संकल्प है. देश के दूसरे राज्यों से लौटे अपने कुशल श्रमिक भाई-बहनों को रोजगार देने के लिए सीएम ने 'रोजगार सेतु' योजना बनाई है.27 मई से इन श्रमिकों की सूची बनाने का काम प्रारम्भ हो रहा है, ताकि इनकी योग्यतानुसार इनके लिए रोजगार की व्यवस्था की जा सके. बता दें कि मध्यप्रदेश में अभी तक साढे 6 लाख प्रवासी मजदूरों की वापसी लौट चुके है. अनुमान है कि यह संख्या 13 लाख मजदूरों तक जा सकती है.
अभी तक अलीराजपुर में 99 हजार 508 लौटे हैं. इसके अलावा बालाघाट में 97 हजार 620, गुना में 67 हजार 261, पन्ना में 28 हजार 406, झाबुआ में 20 हजार 624, बड़वानी में 20 हज़ार मजदूर लौट चुके हैं. इनमें ऐसे मजदूर बड़ी संख्या में है जो गुजरात और मुंबई के टेक्सटाइल, फैक्ट्री, कृषि संबंधित गतिविधियों में काम कर चुके हैं.