भोपाल| प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार करने के प्रयास में जुटे राज्यपाल लगातार कुलपतियों की बैठक ले रहे हैं. बैठक के दौरान सभी कुलपतियों को विश्वविद्यालय की स्थिति सुधारने के भी निर्देश लगातार दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में लगातार राजभवन में अलग-अलग कुलपतियों की बैठक राज्यपाल ने ली.
राज्यपाल लालजी टंडन ने दिए कुलपतियों को निर्देश परीक्षा परिणाम समय पर घोषित ना होने पर होगी कार्रवाई
राजभवन में आयोजित की गई चार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक के दौरान कुलपतियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है, जिसमें समय पर परीक्षा परिणाम घोषित कराना प्रमुख रूप से बताया गया है. बैठक के दौरान राज्यपाल ने साफ कर दिया है कि, परीक्षा परिणाम समय पर घोषित ना होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए और यदि ऐसा नहीं होता है तो इसकी पूरी जवाबदारी कुलपति की होगी .
समाज के मार्गदर्शन के लिए आगे आएं विश्वविद्यालय
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि समाज का मार्गदर्शन करने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय आगे आएं. साथ ही व्यवस्था और वातावरण में स्वच्छता होना भी आवश्यक है. नई व्यवस्था निर्माण के लिए बुनियादी प्रयासों को प्राथमिकता दी जाए. राज्यपाल ने कहा कि महान विभूतियों के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालयों में विभूतियों के संक्षिप्त जीवन और कृतित्व के विवरण को विश्वविद्यालयों में प्रदर्शित किया जाए.
विश्वविद्यालय प्रस्तुत करें आत्म-निर्भरता का मॉडल
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के क्षेत्र में नवीन अनुसंधानों और पद्धतियों के व्यवहारिक लाभों से परिचित कराने का केन्द्र बनाया जाए. विश्वविद्यालय आत्म-निर्भरता का मॉडल प्रस्तुत करें. उन्होंने कहा कि परिसर में व्यापक स्तर पर पौधा- रोपण किया जाए. रक्षित भूमि पर व्यवसायिक उपयोग वाले वृक्षों के पौधों का रोपण भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं के लिए निवेश होगा. आगे चलकर बड़ी राशि विश्वविद्यालय को प्राप्त होगी.
शैक्षणिक वातावरण के लिए कुलपतियों को करनी होगी पहल
लालजी टंडन ने कहा कि शैक्षणिक वातावरण के लिए कुलपतियों को पहल करनी होगी. उनकी प्रेरणा शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रभावित करेगी. उन्होंने कहा कि परिसर के साथ ही व्यवस्था का स्वच्छ होना अनिवार्य है. ऑडिट नहीं कराना, व्यय के औचित्य का प्रमाणीकरण नहीं कराना, यह गम्भीर आर्थिक अपराध है. आगे उन्होंने कहा कि कुलपति राष्ट्र की भावी पीढ़ी के संरक्षक हैं. यदि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण और पदाधिकारियों के संस्कार उत्कृष्ट नहीं होंगे, तो पूरा वातावरण प्रदूषित हो जायेगा, जो देश और समाज के लिए हानिकारक होगा .
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा हरिरंजनराव, राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे तथा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय और म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे .