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3 वर्ष बाद खनिज विभाग की परामर्शदात्री समिति की हुई बैठक, मंत्री ने दिए ये आदेश

भोपाल में तीन साल बाद खनिज विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक का आयोजन किया गया, इस बैठक का आयोजन मंत्रालय में खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल की अध्यक्षता में किया गया.

तीन साल बाद खनिज साधन विभाग की विभागीय बैठक संपन्न

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Published : Oct 23, 2019, 9:52 AM IST

Updated : Oct 23, 2019, 9:59 AM IST

भोपाल। प्रदेश में करीब 3 वर्षों के बाद खनिज विभाग की विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक का आयोजन देर शाम मंत्रालय में किया गया, बैठक को इतने लंबे समय बाद आयोजित होने पर मंत्री ने भी आश्चर्य जताया, साथ ही उन्होंने वर्ष में चार बार समिति की बैठक बुलाए जाने के आदेश भी जारी किए हैं.

दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव

बैठक में समिति के सदस्य विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी, विक्रम सिंह, प्रदीप पटेल, नारायण पट्टा और महेश परमार ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र क्रमश: रीवा, सतना, मण्डला, उज्जैन आदि क्षेत्रों में खनिज विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए. संचालक विनीत कुमार ऑस्टिन ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी, साथ ही रेत नियम एवं गौण खनिजों के विषय में विस्तार से बताया. बैठक में सचिव नरेन्द्र सिंह परमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे, अंत में सभी सदस्य विधायकों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया.

खनिज मंत्री ने दिए दिशा निर्देश

प्रदेश के खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नई रेत नीति और खनिज नीति से राजस्व आय में बढ़ोत्तरी होगी. वहीं राजस्व बढ़ाने के लिए लोगों के सुझाव भी समय-समय पर लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजस्व में खनिज का महत्वपूर्ण योगदान रहता है, जरूरत है कि हम सही नीतियों को लागू करें, ताकि सरकार को खनिज विभाग से अच्छा राजस्व मिल सके .
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि यह बैठक वर्ष में चार बार आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य समिति के सदस्यों को विभागीय गतिविधियों से अवगत कराना और खनिज विभाग की राजस्व आय की बढ़ोत्तरी करना होगा.

सदस्यों ने दिए सुझाव

बैठक में सदस्यों से आए सुझावों के बाद यह तय हुआ कि, खदानों में ब्लास्टिंग से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए जाएंगे. मंत्री ने कहा है कि खदानों के आसपास रहने वाले लोगों को कई बार ब्लास्टिंग के दौरान नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसी स्थिति में सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि, वे उन्हें रोकने का काम करें, ताकि किसी को किसी प्रकार का नुकसान ना हो .

Last Updated : Oct 23, 2019, 9:59 AM IST

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