मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सीएम कमनलाथ की अध्यक्षता में आज होगा जन अभियान परिषद का फैसला, मंत्रालय में बैठक

जन अभियान परिषद को बंद किया जाए या फिर नए स्वरूप में प्रस्तुत किया जाएगा. इसका फैसला आज हो सकता है. सीएम कमलनाथ इस मामले में एक बैठक करने जा रहे हैं.

By

Published : Sep 24, 2019, 11:43 AM IST

जन अभियान परिषद का फैसला आज हो सकता है

भोपाल | मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में परिषद की गवर्निंग बॉडी की बैठक आज आयोजित होने जा रही है. बैठक में जन अभियान परिषद को बंद किया जाए या इसे नए स्वरूप में प्रस्तुत किया जाए इसका फैसला किया जाएगा. साथ ही परिषद की भूमिका और अनियमितताओं की जांच को लेकर भी सरकार रणनीति बना सकती है.

योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तरुण भनोत महालेखाकार से जांच कराकर मामला राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू को सौंपने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को दे चुके हैं. वहीं यहां के 800 कर्मचारियों को पिछले 8 महीने से बिना काम का वेतन दिया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि जन अभियान परिषद को भंग करने की सिफारिश योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग पहले ही कर चुका है. वहीं परिषद की कार्यप्रणाली लगातार संदेह के घेरे में है. विधानसभा चुनाव के समय इसके संभागीय समन्वयक भाजपा की प्रचार सामग्री के साथ पकड़े जा चुके हैं.

कर्मचारियों को लगातार दिया जा रहा वेतन
प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव आयोग में परिषद की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग भी की थी. इस पर आयोग ने परिषद को सख्त हिदायत दी थी कि वह अपने अधिकारियों कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखें. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में इसकी गतिविधियां संदिग्ध बनी रहीं. तभी से परिषद के पास कोई काम नही है पर कर्मचारियों को वेतन बदस्तूर दिया जा रहा है.

EOW कर रहा है मामले की जांच

उधर विभाग ने महालेखाकार से परिषद के कामकाज को लेकर विशेष ऑडिट कराया था. इसमें पौधारोपण, नर्मदा सेवा यात्रा और बजट के प्रबंधन में अनियमितता प्रमाणित हुई है. इसके आधार पर विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय से परिषद की अनियमितताओं की जांच ईओडब्ल्यू से करवा रहा है. जिसपर निर्णय होना बाकी है. परिषद को गैर सरकारी संगठन एनजीओ का सत्यापन करने ग्रेडिंग कर अधिमान्यता देने का काम सौंपा गया था पर उसने इसे भी सही ढंग से अंजाम नहीं दिया है.

जन अभियान का नाम भी हो सकता है चेंज
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री जन अभियान परिषद को भंग करने से पहले अधिकारियों कर्मचारियों को एक मौका और देना चाहते थे. इसी के तहत परिषद कर्मियों से संवाद में उन्होंने 3 महीने का वक्त दिया था. यह अवधि फिलहाल तो बीत चुकी है और अब निर्णय लेने का समय सरकार का आ चुका है. बताया जा रहा है कि परिषद के मौजूदा स्वरूप में सरकार बदलाव कर सकती है यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि जन अभियान परिषद का नाम भी परिवर्तित किया जा सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details