भोपाल।कोरोना महामारी के दौरान मध्यप्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत आखिर क्यों हुई है. यह एक बड़ा सवाल है. महाराष्ट्र के नागपुर स्थित आईनॉक्स प्लांट से मध्य प्रदेश को हर दिन 20 टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती थी. लेकिन नागपुर से सप्लाई बंद होने के बाद प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत हुई और फिर सरकार नींद से जागी और अब होशंगाबाद के बाबई में 200 टन का प्लांट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि अब महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश और गुजरात भी मध्य प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन देने पर राजी हो गए हैं.
मध्यप्रदेश में अगस्त महीने में बात करें तो हर दिन 90 टन ऑक्सीजन प्रदेश में उपयोग की गई है, लेकिन अब डिमांड दोगुनी हो गई है. क्योंकि मध्यप्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव के 18 हजार 435 हो गए हैं. इसके 20 फीसदी मरीजों को हर दिन ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है. मध्यप्रदेश में अभी मेडिकल ऑक्सीजन 3 राज्यों से ले रहा है. लेकिन मंगलवार बुधवार को देवास जबलपुर ग्वालियर और शिवपुरी समेत कई जिलों में मेडिकल ऑक्सीजन की दिक्कत सामने आई है. किल्लत इसलिए भी हुई कि मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड गुजरात महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पूरी करते हैं. एकाएक महाराष्ट्र से सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन पर लगी रोक से किल्लत बढ़ गई.