भोपाल।एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के बाहर स्टूडेंट हड़ताल पर बैठ गए. बताया जा रहा है कि इंटर्न कर रहे स्टूडेंट्स ने यह हड़ताल शुरू की है. विद्यार्थियों का कहना है कि कोविड के दौरान किए गए काम का भुगतान अभी तक एम्स प्रबंधन ने नहीं किया है. विद्यार्थियों के अनुसार हर स्टूडेंट को 44 दिन का पेमेंट और स्टाइपेंट का भुगतान बाकी है. एम्स प्रबंधन ने इस पेमेंट पर रोक लगा रखी है.
कई बार प्रबंधन से मांगा मानदेय- इंटर्न डॉक्टर
मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल भले ही खत्म हो गई है, लेकिन अब एम्स भोपाल में इंटर्न कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यह सभी अपना कोविड के दौरान मानदेय देने की मांग प्रबंधन से कर रहे हैं. दरअसल करोना काल के दौरान 44 दिन से अधिक का पेमेंट, अतिरिक्त रूप से इंटर्न करने वाले छात्रों को दिया जाना है. लेकिन एम्स प्रबंधन ने यह पेमेंट रोक लिया है. विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार पेमेंट की मांग की, लेकिन प्रबंधन नहीं माना. इसलिए हड़ताल शुरू की.
प्रबंधन और इंटर्न डॉक्टरों के बीच नहीं बनी सहमती
हड़ताल कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि सुबह हमारी मीटिंग हुई थी. हमने प्रबंधन के सामने हमारी मांगें रखी, प्रबंधन ने भी हमें कुछ टेक्निकल समाधान बताए, लेकिन हम उनके समाधान से संतुष्ट नहीं है. हम यह हड़ताल जारी रखेंगे. एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि हमारी डिमांड है कि कोविड के समय किए गए पैसे दिए जाए. हमें यह कहकर काम करवाया गया कि पैसे मिलेंगे, लेकिन अभी तक हमें पैसे नहीं मिले. इंटर्स को जब तक पैसे नहीं मिलते तब तक हड़ताल जारी रखेंगे.