भोपाल।प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) ने अपने स्टायपेंड (Stipend) सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल (Strike) की थी, सरकार ने इसे बढ़ाने के साथ इनकी हड़ताल खत्म भी करा दी थी. साथ ही आश्वासन दिया था की हड़ताल में शामिल स्टूडेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical education department) ने मंगलवार को छात्रों को लेटर जारी कर उनके खिलाफ रजिस्ट्रेशन के सस्पेंशन की तैयारी कर ली है.
जिस्ट्रेशन के सस्पेंशन का लेटर फिर बढ़ा सरकार और जनियर डॉक्टरों के बीच विवाद
जूनियर डॉक्टर (Junior Doctors) और सरकार के बीच चल रहा विवाद खत्म होकर भी खत्म नहीं हुआ है. जूनियर डॉक्टरों का स्टायपेंड बढ़ाने के बाद डॉक्टर हड़ताल खत्म कर अपने काम पर वापस चले गए थे, लेकिन दो महीने बाद एक बार फिर सरकार और जूडा के बीच अटकले सामने आ रही हैं. दरअसल, जूनियर डॉक्टर ने जब हड़ताल खत्म की थी. तब सरकार से यह भी शर्त रखी थी कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन लगता है चिकित्सा शिक्षा विभाग आंदोलन में शामिल जूनियर डॉक्टरों को छोड़ने वाला नहीं है. विभाग की ओर से कुछ पत्र जारी कर रजिस्ट्रेशन के सस्पेंशन की कार्रवाई किए जाने को लेकर अवगत कराया गया है.
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आश्वासन के बाद कार्रवाई क्यों
जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) का कहना है कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है. जून के पहले सप्ताह में अपने उचित मांगों को लेकर जुड़ा ने एक आवाज उठाई थी, जो आंदोलन देश भर में चला था और 7 दिन बाद मंत्री के आश्वासन और उच्च न्यायालय के सम्मान में खत्म हुआ था. जैसा कि मंत्री ने भी कहा था कि जुड़ा के किसी भी सदस्य पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. हाई कोर्ट ने भी आदेश निकालते हुए लिखा था कि जुड़ा के विरुद्ध कोई भी कड़े कदम नहीं उठाए जाएंगे.
जुड़ा के कई पदाधिकारियों पर गिरी गाज
2 महीने बाद जुड़ा के कई पदाधिकारियों के मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल (Madhya Pradesh Medical Council) के रजिस्ट्रेशन स्थगित करने के आदेश आए हैं. छात्रों को ऐसे मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने और उनके भविष्य के साथ खेलने का जुड़ा कड़े शब्दों में निंदा करता है. इस पर जल्द से जल्द पुनर्विचार नहीं किया गया तो, जुड़ा आगे कड़े कदम उठा सकता है. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी. फिलहाल, यह मामला ठंडा होता नजर नहीं आ रहा है. अभी तो मात्र 2 से 4 जूनियर डॉक्टरों को ही इस तरह के लेटर आए हैं, लेकिन उम्मीद यही है कि इसकी संख्या बढ़ सकती है.