भोपाल।हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों को मारकर फरार घूम रहा विकास दुबे एमपी पुलिस के शिकंजे में आ गया है. अब क्योंकि इतने बड़े अपराधी को मध्यप्रदेश में पकड़ा गया है तो यहां का शासन-प्रशासन और पुलिस अपनी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर लोग दो खेमों में बंट गए हैं. साथ ही विकास दुबे की गिरफ्तारी किसी फिल्मी ड्रामे से कम नहीं लग रही है.
एक खेमे में ऐसे लोग हैं. जो एमपी पुलिस और शिवराज सरकार की तारीफ कर रहे हैं. कुछ लोग तो इस गिरफ्तारी का श्रेय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी दे रहे हैं. इनमें एक नाम है फिल्ममेकर अशोक पंडित का. जिन्होंने ट्वीट किया है कि 'योगी आदित्यनाथ जी ने जो डर का माहौल बनाया था, ये उसी का नतीजा है कि विकास दुबे अपने बिल से बाहर निकलने को मजबूर हुआ. अब ये सरेंडर हो या फिर गिरफ्तारी, ये सिर्फ और सिर्फ योगी के डर की वजह से हुआ है.'
वहीं दूसरे खेमा शिवराज सरकार पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. जिसके तार गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से जोड़े जा रहे हैं. इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि 'नरोत्तम मिश्रा यूपी विधानसभा चुनाव में कानपुर के प्रभारी थे, विकास दुबे ने उस राज्य में आत्म समर्पण किया जहां नरोत्तम मिश्रा गृह मंत्री हैं. ये संयोग है, प्रयोग है या फिर सत्ता का दुरुपयोग है?' गौरतलब है कि विकास दुबे कई पार्टियों का सदस्य रहा है, इसमें बीजेपी भी एक है. यूपी बीजेपी के कुछ नेताओं से उसके नजदीकी कनेक्शन होने की बात भी मीडिया रिपोर्ट में आ चुकी है.
इस सिलसिले में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी प्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. पटवारी ने कहा कि 'मॉर्निंग वॉक करके नहाने के बाद मंदिर में दर्शन करने के बाद बंदे ने आराम से गिरफ्तारी दे दी.'पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी गिरफ्तारी की परिस्थितियों को लेकर संदेह जताते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.