भोपाल।मानसून आने से पहले हर साल भोपाल नगर निगम जर्जर मकानों को चिह्नित करता है, फिर उन्हें बारिश शुरू होने से पहले ही जमींदोज करता है, लेकिन निगम की ये कार्रवाई सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती है. जर्जर इमारतों को गिराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, इसके बावजूद नगर निगम इन इमारतों को गिराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. कई जर्जर इमारतों को अभी तक निगम ने जर्जर तक घोषित नहीं किया है, जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
पुराने भोपाल के इमाम गेट के आसपास कई जर्जर भवन हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं, कई मकान खुद गिर गए हैं, लेकिन अभी तक उसका मलबा भी नहीं उठाया गया है. नगर निगम कमिश्नर वीएम चौधरी का कहना है कि हम इसको लेकर काम कर रहे हैं, कई बार ये सामने आता है कि किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद होता है, जो कोर्ट में रहता है. जिसके कारण वे कार्रवाई नहीं कर पाते.