Manipur Sexual Violence: भोपाल में अनोखा विरोध, NSUI मेडिकल विंग के छात्रों ने मणिपुर के सीएम को स्पीड पोस्ट से भेजी चूड़ियां
मणिपुर में हुए घटनाक्रम को लेकर पूरे देश में विरोध का दौर जारी है. ऐसे में राजधानी भोपाल में भी मणिपुर यौन हिंसा के खिलाफ भोपाल में एनएसयूआई का प्रदर्शन हुआ. मणिपुर के सीएम को स्पीड पोस्ट के माध्यम से चूड़ियां भेजी गई हैं.
मणिपुर यौन हिंसा के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन
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Published : Jul 22, 2023, 4:46 PM IST
मणिपुर यौन हिंसा के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन
भोपाल।मणिपुर में महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया है. मानवता को कलंकित करने वाली इस घटना को लेकर पीएम मोदी की लंबे समय तक आश्चर्यजनक चुप्पी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इस शर्मनाक घटना के बाद देशभर के लोग मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश से एनएसयूआई की मेडिकल विंग ने विरोध स्वरूप बिरेन सिंह को चूड़ियां भेजी हैं.
एनएसयूआई मेडिकल विंग से जुड़ी छात्राओं ने भेजी चूड़ियां:मध्य प्रदेश एनएसयूआई मेडिकल विंग से जुड़ी छात्राओं ने मणिपुर सीएम को चूड़ियां भेजी हैं. छात्राओं ने इसे खूबसूरत तोहफा बताते हुए कहा कि इस अकर्मण्य मुख्यमंत्री को चूड़ियां पहन लेनी चाहिए. महिलाओं की आबरू बचा पाने में असमर्थ सीएम के लिए यही सबसे बहुमूल्य भेंट होगी. खुद चूड़ियां पहनकर बैठ जाएं. एनएसयूआई मेडिकल विंग ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से सीएम हाउस के एड्रेस पर ये तोहफा भेजा है.
महिला के साथ ऐसा बर्बरता नहीं देखा:एनएसयूआई मेडिकल विंग के समन्वयक रवि परमार ने कहा कि "छात्राओं ने मणिपुर सीएम को चूड़ियां भेजी है. ऐसे अकर्मण्य सीएम के लिए इससे उपयुक्त भेंट कुछ नहीं हो सकता. सीएम चूड़ी पहनकर शायद समझ पाएं कि उनके राज्य में महिलाओं को कितना दुख और कष्ट झेलना पड़ रहा है. मानव सभ्यता के इतिहास में महिलाओं के साथ इससे बर्बर व्यवहार नहीं हुआ होगा जो मणिपुर में हो रहा है."
महिला विरोधी भाजपा की मानसिकता जिम्मेदार: एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि "महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में प्रधानमंत्री की बेशर्म चुप्पी हम सभी को शर्मिंदा और परेशान करती है. हमें पीएम से कोई उम्मीद भी नहीं है. पूरी दुनिया में भारत का सिर शर्म से झुका है और इसके लिए साफ तौर पर महिला विरोधी भाजपा की मानसिकता जिम्मेदार है. मणिपुर के सीएम बड़ी बेशर्मी से कह रहे हैं कि ऐसे सैंकड़ों केस सामने आए हैं. मैं कहना चाहता हूं कि संभल नहीं रहा तो उतर क्यों नहीं जाते, कुर्सी है कोई जनाजा तो नहीं."