भोपाल/ उज्जैन।मकर संक्रांति देश में धूमधाम से मनाई जाती है. देश के अलग-अलग हिस्से में इसे अलग नाम और अलग तरीके से मनाते हैं. कई जगहों पर इस दिन पतंगबाजी की जाती है. एमपी में मकर संक्रांति पर तरह-तरह की पतंगे आसमान में दिखाई देती है. इस बार के मकर संक्रांति पर राजधानी भोपाल के आसमान पर 15 सौ रुपए कीमत तक की पतंगे छाएंगी. मकर संक्रांति को लेकर 15 सौ रुपए तक कीमत की पतंगे बिक रही हैं. वहीं अलग-अलग कार्टून कैरेक्टर वाली पतंगे बच्चों को खासतौर से लुभा रही हैं. हालांकि पतंगबाजी पर भी कोरोना का असर दिखाई देगा, पतंग के थोक विक्रेताओं के मुताबिक लाॅक डाउन की आशंकाओं के चलते माल कम मंगाया है, बिक्री भी बहुत अच्छी नहीं हैं (effect of corona on kite market).
बच्चों को लुभा रही कार्टून वाली पतंगे बच्चों में पतंगबाजी को लेकर खासा उत्साह देखा जाता है. मकर संक्रांति (Kite flying on Makar Sankranti) पर मध्य प्रदेश के बाजार में बच्चों के लिए इस बार कार्टून कैरेक्टर वाली कई पतंगे आई है. मोटू-पतलू, डोरिमोन, ड्रैगन जैसे कई कैरेक्टर वाली पतंगे मार्केट में मौजूद है. वो भी अलग-अलग साइज में बिक रही हैं. बच्चों को भी यह पतंगे खूब पसंद आ रही हैं. बाजार रंग बिरंगे पतंगों से सजे हुए नजर आते हैं. भोपाल के बाजार में 10 रुपए से 1500 रुपए तक की पतंग 10 रुपए से 1500 रुपए तक की पतंग मार्केट में पतंगबाजी के शौकीन लोगों के लिए इस बार बाजार में 10 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक की पतंगे बिक रही हैं. इसमें कागज की पतंगों के अलावा, पाॅलीथीन और कपड़े तक की चाइनीज पतंग बिक रही हैं. इन चाइनीज पतंगों की कीमत 300 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है. इसमें सामान्य पतंगों के अलावा अलग-अलग डिजाइन की पतंगें बिक रही हैं. बाज और अलग-अलग कैरेक्टर वाली पतंगें युवाओं को खूब लुभा रही हैं. पतंगों को लेकर युवाओं में खास उत्साह दिखाई दे रहा है.
पतंगबाजी पर कोरोना का असर
कोरोना की तीसरी लहर में लगातार कोरोना के नए मरीज सामने आ रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार ने अभी बहुत ज्यादा प्रतिबंध भले ही नहीं लगाए हों, लेकिन व्यापारियों को लाॅकडाउन की आशंका दिखाई दे रही है. इसका असर पतंगबाजी के बाजार पर भी दिखाई दे रहा है. पंतग के थोक विक्रेता सिराज मोहम्मद का कहना है कि उम्मीद थी कि इस साल कोरोना की स्थिति सामान्य रहेगी और पतंग की बिक्री अच्छी होगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही पतंगबाजी की बिक्री पर असर दिखाई दे रहा है. इस साल पिछले सालों की अपेक्षा बेहद कम बिक्री हो रही है. उज्जैन में चाइना डोर के खिलाफ कार्रवाई त्रेता युग से मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा(tradition of flying kites is centuries old) मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा है. मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने को लेकर कई धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं हिंदु धर्म में मौजूद हैं. धार्मिक महत्व की बात करें तो इसका संबंध त्रेता युग से है. ज्योतिषी विष्णु राजौरिया के मुताबिक मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगवान राम ने पतंग उड़ाई थी और उनकी पतंग उड़कर इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। इसका उल्लेख तमिल की तन्दनानरामाण में मिलता है। बताया जाता है कि उसी दिन से इस मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई। वैसे माना जाता है कि मकर संक्रांति से सर्दी की विदाई शुरू हो जाती है और हवा में मंद हो जाती है और यही वजह है कि मकर संक्राति से लेकर मार्च के माह तक पतंगबाजी के लिए मौसम अनुकूल रहता है.
उज्जैन में चाइना डोर के खिलाफ कार्रवाई उज्जैन में चाइना डोर के खिलाफ कार्रवाई
14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन उज्जैन में भी आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे नजर आती हैं. छतों पर सुबह से ही पतंगबाजी शुरू हो जाती है. लेकिन चाइना डोर आम व्यक्ति और पंछियों के लिए मुसीबत है. जिसके खिलाफ महाकाल थाना पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस ने चाइना डोर के दो बोरे जब्त किए हैं. साथ ही व्यापारी के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है. इससे पहले 3 जनवरी को भी थाना महाकाल पुलिस ने चाइना डोर बेचने वाले दुकान संचालक के विरुद्ध धारा 188 के तहत कार्रवाई की थी. मौके से पुलिस ने 25 चाइना डोर के गट्टे जब्त किए थे.