भोपाल। विधानसभा में मत विभाजन में अपनी पार्टी छोड़ कांग्रेस का साथ देने वाले मैहर के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को मुख्यमंत्री कमलनाथ बड़ी सौगात दे सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों की माने तो नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री के सामने मैहर को जिला बनाने की मांग रखी है और कमलनाथ ने उनकी मांग पर हरी झंडी दे दी है. नारायण त्रिपाठी ने भी अपने बयान में कहा है कि वो अपने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस के साथ आए हैं. उनका कहना है कि वो बीजेपी में भी क्षेत्र के विकास के लिए गए थे, लेकिन पार्टी ने उनसे झूठ बोला और उनके साथ धोखा किया है.
नारायण त्रिपाठी पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर चुके थे और अपने क्षेत्र की विकास की मांगों को लेकर उनसे वादा ले चुके थे. इसमें उनकी पहली मांग मैहर को जिला बनाए जाने की थी. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी मांग को माना और आज नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. नारायण त्रिपाठी ने जब कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था तो इसी तरह के वादे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नारायण त्रिपाठी से किए थे.
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को कमलनाथ की बड़ी सौगात लेकिन हमेशा की तरह शिवराज सिंह अपनी घोषणा और वादे भूल गए और नारायण त्रिपाठी को नाराज करते रहे. विधायक त्रिपाठी की नाराजगी तब और ज्यादा बढ़ गई, जब लोकसभा चुनाव के दौरान उनके परिवार में निधन हुआ और वो बीजेपी के पक्ष में सक्रियता के साथ प्रचार नहीं कर सके. वहां से सांसद चुने गए गणेश सिंह ने सरेआम उनके साथ अभद्रता की. नारायण त्रिपाठी इस बात को लेकर काफी नाराज थे और इसकी शिकायत तो उन्होंने प्रदेश संगठन से लेकर राष्ट्रीय संगठन तक की. लेकिन भाजपा संगठन ने उनकी शिकायत पर कोई गौर नहीं किया.
नारायण त्रिपाठी का मन बीजेपी के प्रति खटास से भर गया . मुख्यमंत्री कमलनाथ भी ऐसी जगह पर भाजपा को झटका देना चाह रहे थे, जहां विधानसभा चुनाव में उनकी उम्मीद के विपरीत चुनाव परिणाम आए थे. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां विंध्य में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने की बात कर रही थी, वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे ज्यादा निराशाजनक रहा था.
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम का कहना है कि नारायण त्रिपाठी को जो भाजपा से पूर्व में अपेक्षाएं थीं वो आज तक पूरी नहीं हो सकी. संतोष सिंह का कहना है कि उनकी मांगों पर भाजपा ने कभी विचार नहीं किया तो निश्चित ही वो भाजपा में घुटन महसूस कर रहे थे. कांग्रेस पार्टी जो नारायण त्रिपाठी का पुराना घर रही है, उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी.