हैदराबाद।हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Fast) की बहुत मान्यताएं हैं. इस व्रत के रखने सेमां लक्ष्मी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. महालक्ष्मी व्रत हर साल भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी से शुरू होता है, और 16 दिनों तक चलता है. इस व्रत में मां लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना (Mahalaxmi Worship) की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. मान्यता हैं कि जिस घर की महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उस घर में पारिवारिक शांति हमेशा बनी रहती है.
16 दिनों तक चलता है मां लक्ष्मी का व्रत (16 Days Fast of Mahalaxmi)
इस बार महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ सोमवार, 13 सितंबर 2021 से हो रहा है. 16 दिनों तक चलने वाले इस व्रत का समापन मंगलवार, 28 सितंबर 2021 को होगा. इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है.
महालक्ष्मी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त (Mahalaxmi Fast Shubh Muhurut)
- व्रत प्रारम्भः सोमवार, 13 सितम्बर 2021
- व्रत पूर्णः मंगलवार, 28 सितम्बर 2021
- अष्टमी तिथि प्रारम्भः 03:10 सांयकाल, 13 सितम्बर
- अष्टमी तिथि समाप्तः 01:09 दोपहर, 14 सितम्बर
महालक्ष्मी व्रत के चौघड़िया मुहूर्त
- दिन की चौघड़िया मुहूर्तः 06:05 सुबह
- रात्रि की चौघड़िया मुहूर्तः 6:29 शाम
- अमृत कालः 06:05 सुबह से 07:38 सुबह तक
महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा स्थल को साफ कर लें.
- एक मंच पर महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें.
- इस व्रत में सोलह तार का डोरा लेकर उसमें सोलह गांठ लगाई जाती हैं.
- डोरे को हल्दी की गांठ से घिसकर पीला रंग दिया जाता है.
- डोरे को हाथ की कलाई में बांधा जाता है.
- यह व्रत आश्विन कृष्ण अष्टमी तक चलता है.
- व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से एक मंडप बनाएं.
- उसमें लक्ष्मीजी की प्रतिमा रखें, प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं.
- व्रत 16 दिनों तक चलता है, इसलिए सोलह प्रकार से पूजा करें.
- रात्रि में तारागणों को पृथ्वी के प्रति अर्घ्य दें और लक्ष्मी की प्रार्थना करें.
- इसके बाद हवन करें, उसमें खीर की आहुति दें, चन्दन, ताल, पत्र, पुष्पमाला, अक्षत, दुर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल और विभिन्न प्रकार के फल नए सूप में सोलह-सोलह की संख्या में रखें.
- फिर दूसरे सूप से ढक दें और लक्ष्मीजी को समर्पित करें.
- लक्ष्मी जी की आरती कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं.