Bhopal: सैफ अली खान की बहन सबा सुल्तान के खिलाफ मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का नोटिस जारी
मशहूर फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की बहन सबा सुल्तान के खिलाफ मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने नोटिस जारी किया है. उन पर आरोप है कि वे इस जिम्मेदारी को ठीक ढंग से नहीं निभा रही हैं. ऐसे पांच अलग-अलग मामलों को मिलाकर उन्हें यह नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
Bhopal: सैफ अली खान की बहन सबा सुल्तान के खिलाफ मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का नोटिस जारी
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Published : May 9, 2023, 1:21 PM IST
भोपाल।वक्फ बोर्ड के आदेशों की लगातार अवहेलना करने को लेकर यह नोटिस सबा सुल्तान को जारी किया गया है. सबा सुल्तान मंसूर अली खान पटौदी की बेटी हैं और फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की बहन हैं. उन्हें 30 सितंबर 2011 को वक्फ बोर्ड ने औकाफ ए शाही का मुतवल्ली यानी प्रबंधनकर्ता नियुक्त किया था. सोमवार को मप्र वक्फ बोर्ड ने फिर से औकाफ-ए-शाही की मुतवल्ली सबा सुल्तान को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
लापरवाही का आरोप :बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस में आरोप है कि सबा सुल्तान अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाह हैं और वे अपने काम में रुचि नहीं दिखा रही हैं. सबा सुल्तान को नोटिस का जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. नोटिस उन्हें उनके दिल्ली स्थित आवास जो कि बसंत विहार में हैं पर भेजा गया है. स्पीड पोस्ट से भेजे गए इस नोटिस के साथ औकाफ-ए-शाही के मोती मस्जिद स्थित कार्यालय पर भी नोटिस की कॉपी भेजी गई है. यदि वे 7 दिन में नोटिस का जवाब नहीं देंगी तो उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई करते हुए औकाफ-ए-शाही की प्रबंधन व्यवस्था अपने हाथ में ले लेगा.
पांच बिंदुओं में मांगा जवाब :गौतरलब है कि इसके पहले वर्ष 2015 में भी मुतवल्ली सबा सुल्तान को नोटिस जारी किया गया था. तब नवाब मंसूर अली खान पटौदी की बहन सालेहा सुल्तान ने पत्र लिखकर औकाफ-ए-शाही मुतवल्ली बदले की बात कही थी. इस पत्र को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड ने मुतवल्ली सबा सुल्तान को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. वक्फ एक्ट 1995, संशोधित 2013 के प्रावधानों के तहत जारी किए गए 3 पेज के नोटिस में बोर्ड की तरफ से नोटिस जारी किया गया है, उसमें 5 बिंदुओं पर जवाब मांगा है.
मुतवल्ली के तौर पर सबा सुल्तान ने अपनी जिम्मेदारियों का ठीक ढंग से निर्वहन नहीं किया है.
औकाफ-ए-शाही की वक्फ संपत्तियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने में रुचि नहीं दिखाई है. इस कारण उन संपत्तियों पर अतिक्रमण किए जा रहे हैं.
दूसरे लोगों को अपनी जिम्मेदारियां सौंपकर काम कर रही हैं, जो कि पूरी तरह से अवैधानिक है.
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