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एक क्लिक पर जानें मध्यप्रदेश की अब तक की बड़ी खबरें

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Published : Dec 2, 2021, 10:59 AM IST

एमपी में ओमीक्रॉन का खौफ! वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को अब घर से उठाकर लाएगी पुलिस

कोरोना के नए वेरिएंट (corona new variant in ujjain) को लेकर बुधवार को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (minister mohan yadav inspect in hospitals), उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने माधव नगर अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कोरोना को लेकर ऑक्सीजन प्लांट और अस्पतालों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए.

ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर इंदौर, 48 प्लांटों में बनेगी 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन

ओमीक्रॉन वायरस की आशंका के चलते इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह एवं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (minister tulsi silavat review oxygen plant) ने शहर के प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन उपलब्धता की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने आवश्यक निर्देश दिये. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि जो भी वैक्सीन की सेकेंड डोज नहीं लेगा, उस पर एफआईआर दर्ज होगी. वहीं इंदौर अब ऑक्सीजन की उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो गया है. 48 प्लांटों में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बनेगी.

कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट से लड़ने को तैयार बुंदेलखंड को सांसें देने वाला 'सागर'!

सागर जिला चिकित्सालय में लगा ऑक्सीजन प्लांट पूरी क्षमता के साथ जिंदगी बचाने के लिए तैयार है, कोरोना के ओमीक्रॉन वैरियंट की आहट मिलते ही इसका निरीक्षण (collector inspected oxygen plant of Sagar District Hospital) किया गया, जिसमें ये प्लांट हर कसौटी पर खरा उतरा है.

ठंड से कांपेगा MP: मानसूनी सिस्टम ने बदला मौसम का मिजाज, बारिश से कई राज्यों में बढ़ेगी सर्दी

बारिश से कई राज्यों में सर्दी का सितम जल्द ही शुरु हो जाएगा, मौसम के बदले मिजाज से हल्की बारिश का अनुमान है, यदि बारिश हो जाती है तो तापमान में तेजी से गिरावट (Temperature decreasing due to rain in winter season) आ सकती है क्योंकि यह समय सर्दी का पीक टाइम है, इस समय पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है, जबकि मैदानी इलाकों में बारिश के बाद सर्दी बढ़ने का अनुमान है.

भोपाल गैस त्रासदी के 37 साल: चंद घंटों में चली गई हजारों लोगों की जान, आज भी नहीं भरे जख्म

2-3 दिसंबर 1984 की वो काली (37 years of bhopal gas tragedy)अंधियारी दरम्यानी रात को कौन भूल सकता है. वो खौफनाक मंजर, जब आंखों और सीने में जलन सहते हुए अपनी जान बचाने भोपाल के लोग सड़कों पर भागे जा रहे थे. चारों तक चीख, पुकार थी. ऐसा लग रहा था जैसे शहर पर मौत का हमला हुआ था.

MP में अब 'पुरुष' बनेगी महिला कॉन्सटेबल, जानिए फीमेल से मेल बनने के पीछे का चौकाने वाला मामला

जिला पुलिस बल में पदस्थ एक महिला आरक्षक अपना जेंडर चेंज (Female Constable Gender Change) कराएगी. महिला आरक्षक ने इस संबंध में राज्य शासन ने इसके लिए अनुमति मांगी थी. जिस पर गृह विभाग ने अपनी मुहर (mp government approved application) लगा दी है.

सूदखोरों पर शिकंजा! एक्शन में एमपी सरकार, पीड़ित महिला का वीडियो वायरल- सूदखोरों से बचाइए मुख्यमंत्री जी!

एमपी में सूदखोरों पर शिकंजा कसता जा रहा है. ग्वालियर की एक पीड़ित महिला ने वीडियो जारी कर सीएम शिवराज सिंह से सूदखोरों से बचाने की अपील की है. वहीं उज्जैन में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से मिलकर एक महिला ने मदद की गुहार लगाई है. इधर शहडोल प्रशासन ने सूदखोर के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है.

Bhopal Gas Tragedy 1984: मानव इतिहास की सबसे खतरनाक गैस त्रासदी, सिर्फ बरसी पर ही क्यों आती है याद

मानव इतिहास की सबसे भयावह गैस त्रासदी को 37 साल(Bhopal Gas Tragedy 1984) पूरे हो गए हैं. हर साल आज के दिन फिर इसकी याद आती है. कुछ जगहों पर श्रद्धंजिल सभा हो जाती है. दिन बीत जाता है और फिर सरकारें उस भयानक गैस त्रासदी को भूल जाती है. (Bhopal Gas Tragedy anniversay)लेकिन पीड़ितों के आंसू बहते रहते हैं.

भोपाल का जहरीला तालाब: दुनिया का सबसे खतरनाक कचराघर, यूनियन कार्बाइड में लाखों टन जहरीला कचरा दफन

भोपाल गैसे त्रासदी के 37 साल बाद भी यूनियन कार्बाइड (poisonous ponds of bhopal)के जहरीले तालाब लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. लोग अब इन तालाबों में सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं. सरकार ने कई बार कार्रवाई भी की, लेकिन खानापूर्ति के बाद लोग फिर से इन जहरीले तालाबों (story of bhopal gas tragedy) से मौत बांट रहे हैं.

custodial deaths in 2021: MP में इस साल पुलिस हिरासत में हुईं 11 मौतें, देश में चौथे स्थान पर, देशभर में 151 है आंकडा

प्रदेश में इस साल पुलिस हिरासत (custodial deaths in 2021) में 11 मौतें (11 deaths recorded in mp) हुई हैं. पिछले साल यह आंकडा 14 था. पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में पिछले साल के मुकाबले थोड़ा सुधार हुआ है.इस आंकडे के साथ मध्य प्रदेश पुलिस हिरासत में हुई मौतों के मामले में देश में चौथे स्थान पर है. पुलिस कस्टडी में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 26 मौतें हुई हैं.

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