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शर्मनाक: दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन मध्यप्रदेश, सरकारी कोशिशों को चिढ़ाते NCRB के आंकड़े

NCRB की रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में दुष्कर्म के मामले में मध्यप्रदेश फिर पहले स्थान पर है, जो बेहद शर्मनाक है.

Madhya Pradesh tops again in rape cases
शर्मनाक: दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन मध्यप्रदेश

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Published : Jan 24, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 3:56 PM IST

भोपाल। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं की वास्तविक स्थिति बेहद खराब है. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश देश में एक बार फिर पहले स्थान पर रहा है. साल 2018 में देश में दुष्कर्म की कुल 33 हजार 356 घटनाएं दर्ज की गई हैं, इनमें से 5 हजार 433 घटनाएं मध्यप्रदेश में ही हुई हैं, जो देश का करीब 16 प्रतिशत है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि पीड़ितों में 6 साल से कम उम्र की 54 बच्चियां भी शामिल हैं.

शर्मनाक: दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश पुलिस और सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी इस राज्य के माथे से सबसे ज्यादा महिला अपराधों का कलंक हटने का नाम नहीं ले रहा है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश महिला अपराधों में नंबर एक पर है.

वर्ष 2016 और वर्ष 2017 में भी मध्यप्रदेश दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर था. वर्ष 2016 में प्रदेश में 4,882 दुष्कर्म की घटनाएं हुई थीं, जबकि वर्ष 2017 में प्रदेश में 5,599 घटनाएं हुई हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में प्रदेश में 18 साल से कम उम्र की 2,841 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं, इनमें 6 साल से कम उम्र की 54 बच्चियां, 6 से 12 साल की 142 बच्चियां, 12 से 16 साल से कम उम्र की 1 हजार 143 बच्चियां और 16 से 18 साल की 1 हजार 502 युवतियां शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में दुष्कर्म के मामलों में मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान 4 हजार 335 घटनाओं के साथ दूसरे और उत्तर प्रदेश इस तरह की 3 हजार 946 घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर है.

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पिछले कुछ सालों में इन अपराधों पर गौर करें तो-

  • साल 2016- 4 हजार 882 मामले दर्ज किए गए.
  • साल 2017- आंकड़ा बढ़कर 5 हजार 599 तक पहुंच गया.
  • साल 2018- 5 हजार 433 मामले दर्ज किए गए.

बाल अपराधों की रिपोर्ट

वहीं बाल अपराधों की बात की जाए, तो रिपोर्ट के अनुसार देश भर में सबसे ज्यादा बच्चे मध्यप्रदेश में लापता हुए हैं. वहीं वयस्कों के लापता होने के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे पायदान पर है. साल 2018 की बात करें तो मध्य प्रदेश में कुल 10,038 नाबालिग लापता हुए हैं. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 से 31 दिसंबर 2018 तक प्रदेश के कुल 6 हजार 036 बच्चों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है.

कुछ आंकड़े :-

  • वर्ष 2016 में कुल 8503 बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें लड़कियों की संख्या 6037 है.
  • साल 2017 में कुल 10,110 बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें 7409 लड़कियां शामिल है.
  • वर्ष 2018 में कुल 10,038 बच्चे गायब हुए हैं, जिनमें 7574 लड़कियां शामिल है.

महिला और बाल अपराध के मामले

वहीं महिला और बाल अपराधों के मामलों को लेकर वकीलों का मानना है कि सरकार महिला और बच्चों के लिए तमाम योजनाएं और सुविधाएं देने की बात कहती है, लेकिन हकीकत तो यह है कि जब महिलाएं अपने साथ घटी घटनाओं को लेकर पुलिस के पास पहुंचती है तो पुलिस उनकी सुनवाई नहीं करती और अपराधी खुलेआम घूमते हैं.

महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है. महिला डेस्क, निर्भया पेट्रोलिंग, महिला हेल्पलाइन, महिला सेल सहित तमाम कोशिशें की जा रही हैं. इसके बावजूद चिंता का विषय यह है कि महिला अपराधों का ग्राफ कम होने के बजाय हर साल बढ़ता ही जा रहा है. यही स्थिति रही तो शायद मध्यप्रदेश के माथे पर लगा सर्वाधिक महिला अपराधों का कलंक कभी भी मिट नहीं सकेगा.

Last Updated : Jan 25, 2020, 3:56 PM IST

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