भोपाल। महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि और पदोन्नति का लाभ ना दिए जाने से नाराज कर्मचारी संगठनों ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा (Madhya Pradesh Officer Employees United Front) ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है. संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के मुताबिक यदि इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाया जाएगा.
- सरकार ने छिना अधिकारी कर्मचारियों का हक
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया. जो 1 जुलाई 2019 से दिया जाना था. इसे भी कोरोना महामारी के चलते वापस ले लिया गया. इसी तरह 1 जुलाई 2020 को मिलने वाली वेतन वृद्धि और कर्मचारी अधिकारियों की पदोन्नति को भी सरकार ने स्थगित कर दिया है.
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- मंत्री सांसदों को देंगे ज्ञापन, सामूहिक अवकाश भी करेंगे
संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इन सब मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन पहले भी कई बार ज्ञापन देकर अपना रोष प्रकट कर चुके हैं, लेकिन अब कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने जा रहे हैं. कर्मचारी अधिकारी 20 जुलाई को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम जिला स्तर पर ज्ञापन सौंपेंगे. 24 जुलाई को जिले के प्रभारी मंत्री सांसद और विधायकों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन जिला स्तर पर दिया जाएगा. 29 जुलाई को सभी विभागों निगम मंडलों नगरीय निकायों के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे.
- अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाया जाएगा.
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- मुख्यमंत्री जता चुके हैं असमर्थता
हालांकि कर्मचारी संगठन भले ही अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हो, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसको लेकर अपनी असमर्थता जता चुके हैं. पिछले दिनों कोरोना मैनेजमेंट कमेटी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि कर्मचारियों द्वारा मांग की जा रही है, लेकिन कोरोना की वजह से प्रदेश की आर्थिक हालत खराब है. इस वजह से फिलहाल इस पर विचार करना सरकार के लिए मुश्किल है.