भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने 21 जून को सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन एक बार रिकॉर्ड बनाने के बाद अब मध्य प्रदेश वैक्सीनेशन के मामले में दूसरे राज्यों से पिछड़ रहा है. मध्य प्रदेश वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने के मामले में पिछड़ता जा रहा है. इस मामले में महाराष्ट्र नंबर वन पर है. इसे लेकर भी मध्य प्रदेश में सियासत हो रही है.
सेकेंड डोज में फिसड्डी है एमपी !
मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन एक-एक दिन छोड़कर किया जाता है. हर दिन सरकार 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य रखती है, लेकिन वैक्सीन की कमी सरकार के लक्ष्य के आगे आ रही है. वैक्सीन की कमी का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं. प्रदेश के कई क्षेत्रों में वैक्सीन के लिए भगदड़ और मारपीट जैसी तस्वीर सामने आ चुकी है. सरकार पहले डोज के लिए तत्पर नजर रही है, लेकिन दूसरे डोज के लिए प्रदेश में उदासीनता नजर आ रही है.
सिर्फ 48 लाख लोगों को लगा दूसरा डोज
आंकड़ों की बात करें तो सेकेंड डोज लगाने में महाराष्ट्र देश के सभी राज्यों से आगे है. 27 जुलाई दोपहर 2 बजे तक महाराष्ट्र में वैक्सीन के 4 करोड़ डोज लगाए जा चुके है. इसमें 3 करोड़ लोग पहला डोज, वहीं 1 करोड़ लोग दूसरा डोज लगवा चुके हैं. लेकिन इस मामले में मध्य प्रदेश फिसड्डी साबित हो रहा है. मध्य प्रदेश में 27 जुलाई तक लगभग 2 करोड़ 90 लाख वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं. जिसमें 2 करोड़ 42 लाख लोगों को पहला डोज, तो मात्र 47 लाख लोगों को दूसरा डोज लग पाया है.
कांग्रेस-बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस का मानना है कि सरकार जरूरत के हिसाब से वैक्सीन के डोज केन्द्र से नहीं मांग पा रही है. इसके कारण प्रदेश वैक्सीनेशन में पिछड़ रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एमपी की सरकार वैक्सीन के लिए केन्द्र पर दबाव नहीं बना पा रही है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग वैक्सीनेशन में पिछड़ने के आंकड़ों को भी मानने को तैयार नहीं है. उनका बस एक ही जवाब है कि प्रदेश में वैक्सीनेशन तेजी से चल रहा है.