भोपाल। मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 51 में राज्य सरकार ने SP की जमावट कर दी है. मार्च में हुए ट्रांसफर के बाद अब पूरे प्रदेश में सिर्फ एक अधिकारी राहुल लोढ़ा बचे हैं. इन्हें 3 साल से अधिक का समय एक ही जिले में हो गया. बाकी अफसरों में से किसी को 2 साल ताे किसी को 1 साल ही हुआ है. माना जा रहा कि, यह सभी अफसर अब चुनाव के बाद ही हटाए जाएंगे. यदि एमपी के सभी एसपी को देखें तो 2020 की पोस्टिंग में सिर्फ राहुल कुमार लोढ़ा बचे हैं. जबकि 2021 के पांच, 2022 में 9 की पोस्टिंग हुई थी. बाकी 36 की पोस्टिंग इसी साल जनवरी से मार्च के बीच की गई है. एक जिला मुरैना अभी खाली है. ASP के पास यहां प्रभार है. इस जमावट में माना जा रहा है कि सभी लोगों का ध्यान रखा गया है. जैसे ग्वालियर में राजेश सिंह चंदेल SP बनाए गए हैं, छिंदवाड़ा में विनायक वर्मा को एसपी बनाया गया है. हाल ही में इन्हें कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए तो माफी मांगकर मामला खत्म कर लिया.
सरकार की पहली पसंद:51 जिलों में से 20 में स्टेट पुलिस सर्विस से प्रमोशन पाकर IPS बने अफसर कमान संभाल रहे हैं. इनमें 2009 बैच के 4 IPS, 2010 बैच के 5 आईपीएस, 2012 बैच के 3 और 2021 बैच के 8 आईपीएस अफसर हैं. जबकि सीधी भर्ती यानी यूपीएससी से सलेक्ट होकर 31 आईपीएस अभी जिलों की कमान संभाल रहे हैं. इनमें 2010 बैच के 2 आईपीएस, 2011 बैच के 1 आईपीएस, 2012 बैच के 4 आईपीएस, 2013 बैच के 3 आईपीएस, 2014 बैच के 9 आईपीएस, 2015 बैच के सिर्फ एक आईपीएस, 2016 बैच के 6 आईपीएस और 2017 बैच के 5 अफसर जिलों की कमान संभाल रहे हैं. कमिश्नर प्रणाली के बाद इंदौर और भोपाल जिले में केवल ग्रामीण एसपी को शामिल किया है. इन एसपी में भोपाल ग्रामीण में 2010 बैच की प्रमोटी आईपीएस अफसर किरण लता केरकटटा और इंदौर ग्रामीण एसपी 2017 बैच की डायरेक्ट आईपीएस हितिका वासल पदस्थ हैं.