भोपाल। सीएम शिवराज ने महाकाल की पूजा अर्चना की और प्रदेश को तरबतर करने की प्रार्थना की. महाकालेश्वर मंदिर में जल वृष्टि की कामना को लेकर 66 ब्राह्मणों द्वारा महारुद्र अनुष्ठान भी किया जा रहा है. दरअसल, मध्यप्रदेश में इस साल 593.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 335.2 मिलीमीटर कम है. इसकी वजह से प्रदेश के 52 बड़े बांधों में से शत-प्रतिशत कोई भी नहीं भरा है. मानसून की बेरूखी ने प्रदेश में सूखे के हालात पैदा कर दिए हैं. प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों की हालत सबसे ज्यादा खराब हैं. राजनीति के जानकारों की मानें तो सूखे का संकट गहराया तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखाई देगा.
इन जिलों में हालत बेहद खराब:इसमें भोपाल, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, बालाघाट, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, आगर मालवा, मंदसौर, झाबुआ, धार, बड़वानी, खरगौर और खंडवा जिले शामिल हैं. इन जिलों में 30 से 46 फीसदी तक कम बारिश हुई है. सतना जिले में प्रदेश में सबसे कम 46 फीसदी बारिश हुई है. प्रदेश में अब तक 593.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 335 मिलीमीटर कम है. कम बारिश से खेती और बिजली का संकट पैदा हो गया है. इस संकट से उबरने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन के बाबा महाकाल की शरण में पहुंचे. उत्तम जल वृष्टि की कामना के लिए पंडित घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों और 66 ब्राहम्णों द्वारा सीएम शिवराज द्वारा अच्छी बारिश के संकल्प के साथ महारुद्र अनुष्ठान किया गया।
सीएम बोले- अच्छी बारिश के लिए करें प्रार्थना:बाबा महाकाल के अनुष्ठान के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "मैंने प्रार्थना की है कि अल्पवर्षा के कारण अगस्त माह पूरा सूखा गया है. इसलिए अब प्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा हो रही है. फसलों पर संकट छाया है. बाबा अच्छी वर्षा करें. फसलें बच जाएं, किसानों का कल्याण हो और प्रदेश और दश का भी कल्याण हो. इसी भाव से बाबा महाकाल की पूजा की है. मैं जनता से भी प्रार्थना करता हूं कि अपने गांव और शहरों में अपनी परंपराओं के अनुसार अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करें. प्रार्थना सुनी जाती है. सच्चे दिल से प्रार्थना की जाती है तो भगवान प्रार्थना सुनते हैं."