भोपाल। 15 साल का लंबा वनवास काटने के बाद मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस को महज 15 महीने में ही सत्ता से बाहर करने वाली बीजेपी अब उपचुनाव के लिए पूरे दम-खम के साथ सियासी पिच पर बैटिंग करने को तैयार है. मध्यप्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेता शिवराज ने महाराज के साथ पहले तो कमलनाथ से सत्ता छीनी और अब उपचुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने के लिए खास रणनीति बनाई है. सूबे की 26 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ऑपरेशन लोटस 3 के जरिए कांग्रेस को सियासत के खेल में गुम करना चाहती है. दो कांग्रेसी विधायकों को अपनी टीम में शामिल करने के साथ ही बीजेपी ने लोटस 3 के संकेत भी दे दिए हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो चुनाव से पहले कुछ कांग्रेसी विधायक और पार्टी का दामन थामेंगे.
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार
सियासत के खेल में माहिर बीजेपी ने उपचुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में सर्वे कराया है. सर्वे की मानें तो चंबल-अचंल में पार्टी की हालत ठीक नहीं है. लिहाजा कांग्रेसी विधायकों को तोड़ा जा रहा है और कांग्रेस विधायकों की तलाश की जा रही है, जिन्हें बीजेपी में लाया जा सके और बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाया जा सके. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी अच्छी तरह समझ चुकी है कि अगर प्रदेश में उसे अपनी सरकार को स्थायित्व देना है तो अपनी लाइन को बड़ा करना ही होगा.
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने उपचुनाव के पहले निर्दलीय, सपा-बसपा के विधायकों को भी साधा है और निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को राज्य खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, ताकि दूसरे निर्दलीय और तीसरे मोर्चे के विधायकों को भी साध कर सीटों के गणित को बनाया जा सके. हालांकि कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस की अंतर्कलह बता रहे हैं.