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एमपी में रेवड़ी पर रार, जनता की राईट च्वाइस शिवराज या केजरीवाल

एक हिदी फिल्म का डायलॉग है...तुम भी थे पर अब हम भी हैं...मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने जिस तरीके से मुफ्त बिजली के एलान के साथ एमपी में एंट्री ली है. क्या चुनाव के नजदीक आते तक मुफ्त की रेवड़ियों पर रार का नया मैदान बनेगा मध्यप्रदेश. सवाल ये भी कि 2023 के चुनाव में मुफ्त की रेवड़ियां बांटने में शिवराज बड़े साबित होंगे या केजरीवाल.

शिवराज या केजरीवाल
Shivraj VS Kejriwal

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Published : Mar 16, 2023, 4:29 PM IST

भोपाल। एमपी में 2018 के विधानसभा चुनाव में जैसे किसान कर्जमाफी के मुद्दे ने कांग्रेस के लिए सीन बदल दिया था. क्या इसी तरीके से केजरीवाल का मुफ्त बिजली का मुद्दा भी ट्रम्प कार्ड साबित हो पाएगा. एमपी की सियासत में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि कौन कितना बड़ा मुफ्त का सौदागर होगा. जिस समय केजरीवाल मुफ्त बिजली की सौगात लिए एमपी में एंट्री ले रहे हैं. उसके एन पहले सोशल इंजीनियरिंग के उस्ताद कहे जाने वाले शिवराज बहनों के खाते में एक हजार के वादे के साथ अब तक का सबसे बड़ा चुनावी दांव खेल चुके हैं.

सत्ता की हैट्रिक:वर्ष 2006 के बाद शिवराज ने इसी तरह मुफ्त सौगात के दम पर सत्ता की हैट्रिक बनाई थी. चुनावी माहौल बनने तक कोशिश ये है कि ये राशि बहनो के खाते में पहुंचा भी दी जाए. लेकिन अब बीजेपी के सामने चुनौती ये है कि मैदान में मुफ्त रेवड़ियां बांटने वाली पार्टी वो अकेली नहीं है. मुफ्त के ऑफर के साथ दिल्ली की सत्ता में अपने पैर मजबूत किए केजरीवाल सौगातें लिए अब एमपी आए हैं. 2023 के चुनावी माहौल के पहले भाषण में भी मुफ्त बिजली का वादा कर गए हैं केजरीवाल.

शिवराज बेटियों से बुजुर्गों तक मैं हूं ना..:एमपी में शिवराज की मुख्यमंत्री के तौर पर एंट्री से पहले चुनाव में मुद्दे थे, लेकिन रेवड़िया नहीं थी. 2006 में शिवराज सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना लेकर आई .गेम चेंजर साबित हुई इस योजना में लड़की के जन्म के बाद हर साल छै हजार रुपए के राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदी करती है सरकार. फिर छठवी कक्षा में प्रवेश पर दो हजार नवी में चार हजार और ग्याहरवी में 7500 रुपए दिए जाते हैं. और 21 वर्ष की होने पर लड़की को एक लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाता है.

स्कूटी का झुनुझना: लाड़ली लक्ष्मी पार्टू टू सरकार ला चुकी है. इसी तरह सामाजिक सरोकार दिखाते हुए मुख्यमंत्री कन्यादान और निकाह योजना भी शुरु की जा चुकी है. बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ पहुंचाने वाली तीर्थ दर्शन योजना भी इन्ही सौगातों का हिस्सा है. इसके अलावा चुनावी साल में अब टॉपर छात्राओं को स्कूटी का झुनुझना भी थमा दिया गया है.

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केजरीवाल! मुफ्त में बस बिजली और पानी:यूपी से लेकर गुजरात तक केजरीवाल सरकार का मॉडल लेकर पहुंची आम आदमी पार्टी भी उन्हीं रेवडियों के साथ एमपी की नई जमीन में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. जो ट्रस्टेड और टेस्टेड हैं. एमपी में 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहली रैली में ही केजरीवाल ने झलक तो दिखला ही दी कि आगे सीन क्या होगा. दिल्ली में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा के साथ बिजली बिल में राहत और मुफ्त पानी और मोहल्ला क्लीनिक के जिस कॉन्सेप्ट से केजरीवाल ने दिल्ली में सियासत मजबूत की. अब एमपी में भी वही रेवड़ियां लेकर आए हैं केजरीवाल. और खास ये है कि आते ही उन्होने यहां के वोटर की नब्ज़ थाम ली है . 2003 के विधानसभा चुनाव में जिस एमपी में बिजली सड़क पानी के मुद्दे पर सरकार गई केजरीवाल पहली चुनावी रैली में मुफ्त बिजली के एलान के साथ उसी मुद्दे को हवा दे गए हैं.

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