भोपाल। एमपी में 2018 के विधानसभा चुनाव में जैसे किसान कर्जमाफी के मुद्दे ने कांग्रेस के लिए सीन बदल दिया था. क्या इसी तरीके से केजरीवाल का मुफ्त बिजली का मुद्दा भी ट्रम्प कार्ड साबित हो पाएगा. एमपी की सियासत में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि कौन कितना बड़ा मुफ्त का सौदागर होगा. जिस समय केजरीवाल मुफ्त बिजली की सौगात लिए एमपी में एंट्री ले रहे हैं. उसके एन पहले सोशल इंजीनियरिंग के उस्ताद कहे जाने वाले शिवराज बहनों के खाते में एक हजार के वादे के साथ अब तक का सबसे बड़ा चुनावी दांव खेल चुके हैं.
सत्ता की हैट्रिक:वर्ष 2006 के बाद शिवराज ने इसी तरह मुफ्त सौगात के दम पर सत्ता की हैट्रिक बनाई थी. चुनावी माहौल बनने तक कोशिश ये है कि ये राशि बहनो के खाते में पहुंचा भी दी जाए. लेकिन अब बीजेपी के सामने चुनौती ये है कि मैदान में मुफ्त रेवड़ियां बांटने वाली पार्टी वो अकेली नहीं है. मुफ्त के ऑफर के साथ दिल्ली की सत्ता में अपने पैर मजबूत किए केजरीवाल सौगातें लिए अब एमपी आए हैं. 2023 के चुनावी माहौल के पहले भाषण में भी मुफ्त बिजली का वादा कर गए हैं केजरीवाल.
शिवराज बेटियों से बुजुर्गों तक मैं हूं ना..:एमपी में शिवराज की मुख्यमंत्री के तौर पर एंट्री से पहले चुनाव में मुद्दे थे, लेकिन रेवड़िया नहीं थी. 2006 में शिवराज सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना लेकर आई .गेम चेंजर साबित हुई इस योजना में लड़की के जन्म के बाद हर साल छै हजार रुपए के राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदी करती है सरकार. फिर छठवी कक्षा में प्रवेश पर दो हजार नवी में चार हजार और ग्याहरवी में 7500 रुपए दिए जाते हैं. और 21 वर्ष की होने पर लड़की को एक लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाता है.