भोपाल।राजधानी में मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने लोक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेश चंद्र वर्मा पर कार्रवाई की. यह कार्रवाई राजगढ़ जिले के ठेकेदार गोविंद चौहान की शिकायत पर की गई. शिकायत में कहा गया था कि इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग का ठेका लिया था. उनके भुगतान और उनके द्वारा जमा कराई गई एफडी को रिलीज करने के लिए एक लाख लाख की रिश्वत की मांग की जा रही थी. इस बारे में गोविंद चौहान ने सुरेश चंद वर्मा की शिकायत की थी.
लोकायुक्त ने पांचवे प्रयास में दबोचा इंजीनियर को रंगे हाथों धर दबोचा :शिकायत के बाद लोकायुक्त ने सुरेश चंद वर्मा को ट्रैप करना शुरू किया. काफी मशक्कत के बाद सुरेश चंद वर्मा मंगलवार को ₹40 हजार जोकि 500- 500 के नोटों में थी, लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ. लोकायुक्त द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए उसके हाथ धुलवा कर सैंपल इत्यादि कलेक्ट किया गया.
चार बार शिकायतें पहुंच चुकी हैं लोकायुक्त के पास :लोकायुक्त डीएसपी सलिल शर्मा ने बताया कि ठेकेदार गोविंद राजपूत की शिकायत पर यह पूरा मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई. वॉइस रिकॉर्डिंग इत्यादि सभी साक्ष्य पहले से एकत्रित किए गए और बातचीत के भी सैंपल लोकायुक्त के पास हैं. इसके अलावा जो ₹40 हजार लोकायुक्त द्वारा गोविंद चौहान से सुरेश चंद्र वर्मा को दिलवाये गए, उनके नंबरों का मिलान भी किया जा चुका है. सलिल शर्मा ने बताया कि इस पूरे मामले में विभाग का अकाउंटेंट दिनेश चौधरी भी सुरेश चंद्र वर्मा के साथ मिला हुआ था. लोकायुक्त की कार्रवाई देख कर दिनेश चौधरी कार्यालय छोड़कर भाग गया था, जिसे बाद में पुलिस द्वारा पकड़कर बुलवाया गया.
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लोकायुक्त को काफी मशक्कत करनी पड़ी :इसके पहले भी सुरेश चंद्र वर्मा के खिलाफ पूर्व में भी 4 शिकायतें लोकायुक्त को मिल चुकी हैं परंतु कई बार प्रयास करने के बाद भी सुरेश चंद्र वर्मा अपनी शातिर कार्यप्रणाली के चलते ट्रैप नहीं हो पाया था. परंतु इस बार लोकायुक्त को इस मामले में सफलता मिली है. फरियादी गोविंद सिंह चौहान का कहना है कि मैंने पहले ही टेंडर लिया था और टेंडर लेने के बाद समय पर काम करके विभाग को दे दिया था. पोल शिफ्टिंग का यह काम था जिसमें केवल अभी 15 लाख का भुगतान हुआ है, उसके बाद मेरे भुगतान के लिए सुरेश चंद्र वर्मा और दिनेश चौधरी बार-बार पैसे मांग रहे थे. (Lokayukta caught PWD executive engineer) (Executive engineer taking 40 thousand rupees) (Engineer caught as bribe in fifth attempt)