भोपाल।लोकायुक्त की टीम ने अनुकंपा नियुक्ति के बदले रिश्वत के लिए ब्लैकमेल करने वाले आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव को गिरफ्तार किया कर लिया है. टीम ने आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव को 80 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा है. बाबू ने शिकायतकर्ता गौरव साकरे से अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता बतौर पहली किस्त 80 हजार रुपए लेकर बाबू के पास पहुंचा था.
आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव हर महीने में देना थी 3 हजार रूपए की किश्त
शिकायतकर्ता गौरव साकरे से बाबू सुनील नामदेव ने सौदा किया था कि, 80 हजार रूपए एकमुश्त देना है. इसके बाद 70 हजार रूपए हर महीने 3-3 हजार रूपए की किश्त में देना है. इसके लिए बाबू ने गौरव साकरे पर दबाव बनाकर उसे एक लाख रूपए का पर्सनल लोन लेने के लिए भी मजबूर किया.
गारंटी के तौर पर लिए थे तीन चेक
आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव ने गौरव से गारंटी के तौर पर तीन चेक लिए थे और उसे धमकी भी दी थी कि अगर उसने रिश्वत की रकम नहीं दी तो चेक का गलत इस्तेमाल कर उसे पुलिस केस में फंसा देगा.
लोकायुक्त ने बनाया प्लान
एक लाख का लोन अप्रूव होने के बाद ही 80 हजार रूपए बाबू को देना तय किया गया था, लेकिन फरियादी ने इससे पहले ही लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी, जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने 80 हजार रुपए के नोटों पर केमिकल लगाकर फरियादी को बाबू के पास भेजा था.
2019 में मिल गई थी नियुक्ति
गौरव साकरे के पिता का निधन साल 2009 में हुआ था, जिसके बाद उसे साल 2019 में आयुष विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. नौकरी मिलने के बाद गौरव साकरे को शिवाजी नगर डिस्पेंसरी में पोस्टिंग मिली थी, लेकिन बाबू सुनील नामदेव लगातर उस पर रिश्वत के रूपए देने का दबाव बना रहा था.