मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना काल के दौरान लोक अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रकरणों की सुनवाई की - ऑनलाइन

कोरोना काल में कोर्ट संबंधी कामकाज का निपटारा अब ऑनलाइन ही किया जा रहा है. जहां अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है. जिसमें शुक्रवार को लोक अदालत में 9 प्रकरणों की सुनवाई हुई, जिनमें से 4 का आपसी सहमति से निराकरण कराया गया.

Lok Adalat did hearing through video conferencing due to corona
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट की सुनवाई

By

Published : Oct 24, 2020, 11:45 AM IST

भोपाल। कोरोना काल में कोर्ट के कामकाज पर असर पड़ा है. जिला कोर्ट में अब तक 15 बार कोरोना संक्रमित मरीज निकल चुके हैं. जिसके चलते जहां न्यायाधीश और वकील कोर्ट से संबंधित ज्यादातर कामकाज घर से ही निपटा रहे हैं. जिसमें कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से ही सुनवाई की जा रही है.

कोर्ट में परिसर में कोरोना मरीजों के मिलने के बाद, अदालती कामकाज को बार-बार बंद करना पड़ा है. इस दौरान कोर्ट को कई बार सैनिटाइज भी किया गया, जिसे देखते हुए, अब ऑनलाइन ही आम लोगों की जमीनी संबंधी, और अन्य विवादित मामलों की सुनवाई की जा रही है. लोक अदालत भी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही आयोजित की जा रही है, जिसमें कई मामलों का निपटारा किया गया है.

मध्यप्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अभिकरण, भोपाल (रिएट) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई लोक अदालत में 9 प्रकरणों की सुनवाई हुई. इनमें से 4 प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण किया गया. लोक अदालत के लिए गठित खण्डपीठ में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुभाष काकड़े और सदस्यगण अधिवक्ता दीपेश जोशी और योगेन्द्र शर्मा शामिल थे. लेकिन इस बार की लोक अदालत में पहले की तुलना में काफी कम मामले सामने आए हैं. माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से ही कम मामले कोर्ट तक पहुंचे हैं.

रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण सचिन जैन ने बताया कि लोक अदालत में मेसर्स भोजपाल बिल्डर्स एण्ड डेव्हलपर्स विरुद्ध निर्मला वर्मा, क्रिस्टल एच. बिल्डर्स विरुद्ध सुनील नंबोदरी और अन्य, योगेन्द्र सोनी विरुद्ध आदिनाथ डेव्हलपर्स और बालाजी इन्फ्रेक्चर्स विरुद्ध शैलेन्द्र जालानी के प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण किया गया. निराकृत किए गए प्रकरण 73 लाख 30 हजार की लेनदारी से संबंधित थे. इस दौरान सदस्य (न्यायिक) अरविंद मोहन सक्सेना और सदस्य (प्रशासनिक) जितेन्द्र शंकर माथुर भी मौजूद थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details