भोपाल। ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाले लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन के लिए बाजार में जद्दोजहद साफ नजर आने लगी है. पिछले 10 दिनों में 2 मरीजों की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है. एक मौत बंसल अस्पताल में वहीं दूसरी मौत लालघाटी के सुदिति अस्पताल में हुई है. हालांकि, सरकार कह रही है की भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है.
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले
दरअसल, शुक्रवार को एम्स में कुछ मरीजों के परिजनों ने बताया कि ब्लैक फंगस काफी खतरनाक स्थिति में आ गया है. मरीज कोरोना से तो उबर चुके हैं, लेकिन अब इस बीमारी ने उनकी हालत नाजुक कर रखी है. कुछ मरीज तो ऐसे भी हैं जो यहीं एम्स में कोरोना का इलाज करा रहे हैं,अब इन्हें ब्लैक फंगस ने जकड़ लिया है. परिजनों ने बताया कि फंगस का इलाज कोरोना से भी महंगा है. 70 से 80 इंजेक्शन के डोज इलाज के लिए बताए जा रहा हैं 1 दिन में कम से कम 4 से 6 इंजेक्शन लगवाने होते हैं.
7 से 10 हजार तक में मिल रहा इंजेक्शन
बता दें कि लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन 7 से 10 हजार तक की कीमत में आ रहे हैं, लेकिन अब यह भी बाजार से गायब है. इनकी कालाबाजारी भी शुरू हो चुकी है. डॉक्टर्स का कहना है कि इंजेक्शन लगाने के बाद भी मरीज की स्थिति धीरे धीरे ही सुधरेगी. इसकी भी कोई गारंटी नहीं है. इलाज के दौरान फायदा नहीं मिला तो सर्जरी होगी. इसके बाद भी मरीज के बिल्कुल ठीक होने की संभावना बहुत कम है. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों की आफत बढ़ गई है. महंगा इलाज और इंजेक्शन की मारामारी से लोग हिम्मत हारने लगे हैं.
मार्केट में नहीं है लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन
इंदौर, नागपुर और ग्वालियर में लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन की मांग बढ़ती जा रही है. मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज को 70 से 80 इंजेक्शन लगवाने हैं, जोकि 4 से 6 हफ्ते तक लगेंगे इन्हें खरीदने के लिए दवा बाजार में मारामारी मची है. 7000 का इंजेक्शन 10000 तक में मिल रहा है. अब ढूंढने पर भी इंजेक्शन कहीं नहीं मिला. शुक्रवार को भोपाल में 70 ब्लैक फंगस मरीज मिले. जानकारी के अनुसार, 14 मई को भोपाल में 70 ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं. इनमें हमीदिया, एम्स, पालीवाल हॉस्पिटल, नोबल हॉस्पिटल और बंसल हॉस्पिटल में ज्यादातर मरीज इलाज करवाने पहुंचे हैं.
ब्लैक फंगसः बड़वानी में मिले ऐसे ही लक्षणों वाले 22 संदिग्ध मरीज
मैसर्स दवावाला मेडिकोज पर छापामार कार्रवाई
रेमडेसिविर के बाद अब बाजारों से लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन मार्केट से लगभग गायब हो चुका है. शुक्रवार को ड्रग इंस्पेक्टर के. अग्रवाल ने पुलिस के साथ मैसर्स दवावाला मेडिकोज पर छापामार कार्रवाई की है, यहां एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन के 6 बाउल मिले हैं, जिन का रिकॉर्ड दुकानदार के पास नहीं था. अधिकारियों ने मेडिकल स्टोर को सील कर दिया और संचालक गौतम पाल को नोटिस जारी कर दिया है. साथ ही लाइसेंस भी निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.