भोपाल/नई दिल्ली। लोकसभा ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया है. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2014 और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) अधिनियम, 2017 में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान निहित हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 के प्रभाव में आने से यह 2014 और 2017 के मूल कानून में संशोधन करेगा. यह सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में पांच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों को वैधानिक दर्जा प्रदान करेगा और उन्हें भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) अधिनियम, 2017 के तहत पहले से मौजूद 15 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में घोषित किया जाएगा.
निशंक ने विधेयक पारित करने में समर्थन के लिए सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "विधेयक आईआईटी को देश में सूचना और प्रौद्योगिकी के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेगा. विधेयक शेष 5 आईआईआईटी-पीपीपी को सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में मौजूदा 15 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को उपाधि प्रदान करने की शक्तियों के साथ घोषित करेगा.
मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय संस्थान वैश्विक संस्थागत रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. भविष्य में ये सभी आईआईआईटी दुनिया के शीर्ष संस्थानों में भी अपनी पहचान बनाएंगे.
उन्होंने बताया कि देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने अपनी वैश्विक रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है. 2017 में 14 के मुकाबले 2020 में 1000 वैश्विक संस्थानों की सूची में अब 24 भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान हैं. इसी तरह, टाइम्स हायर एजुकेशन के वैश्विक 1000 संस्थानों में अब 2013 के 3 के मुकाबले में 36 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान हैं.