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IIFA अवॉर्ड को लेकर बोले नेता प्रतिपक्ष, कहा- इसे सरकार के वित्त विभाग ने भी बताया फिजूलखर्ची - भोपाल न्यूज

मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल पर इंदौर में होने जा रहे IIFA अवॉर्ड को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि IIFA अवॉर्ड को सरकार के वित्त विभाग ने भी फिजूलखर्ची करार दिया है. इसलिए कमलनाथ सरकार को ये आयोजन रद्द कर देना चाहिए.

Leader of Opposition Gopal Bhargava targets government on IIFA award
IIFA अवॉर्ड को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

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Published : Feb 13, 2020, 9:22 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल पर इंदौर में होने जा रहे IIFA अवॉर्ड को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही. अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि IIFA अवॉर्ड को सरकार के वित्त विभाग ने भी फिजूलखर्ची करार दिया है. इसलिए कमलनाथ सरकार को ये आयोजन रद्द कर देना चाहिए.

IIFA अवॉर्ड को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

गोपाल भार्गव ने कहा कि कमलनाथ सरकार को अगर प्रदेश की पहचान बनाना है, तो अपने काम के जरिए बनाना चाहिए ना कि नाचने गाने वालों के जरिए. सरकार को आम जनता के धन को बर्बाद करके अपनी ब्रांडिंग नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि IIFA अवॉर्ड को लेकर लंबे समय से सियासत चल रही है, एक तरफ जहां सरकार इसे प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने की बात कह रही है, तो दूसरी तरफ से फिजूलखर्ची बता रहा है.

जनता के पैसे का हो रहा दुरूपयोग

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कमलनाथ सरकार आम लोगों के धन को बर्बाद करके और प्रदेश की माली हालत को बिगाड़कर ब्रांडिंग ना करें. यदि प्रदेश की ब्रांडिंग करना ही है तो सरकार अपने बेहतर कामों के जरिए करें. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार ने ऐसा कुछ काम ही नहीं किया है, जिसे वह देश-दुनिया को बता सकें, यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री नाचने गाने वाले हीरो-हीरोइनों की जरिए प्रदेश की ब्रांडिंग करवा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब वित्त विभाग की आपत्ति भी आ गई है, सरकार को तत्काल इस आयोजन पर रोक लगानी चाहिए. मध्यप्रदेश सरकार स्वयं के सुख के लिए और चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए IIFA अवॉर्ड आयोजित कर रही है. 32 करोड़ रूपए का प्राथमिक व्यय आया है, जो सरकार के फंड से जाना है. जब सरकार स्वयं कहती है कि वो वित्तीय संकट में है, रोजाना किसी न किसी मद में कटौती की घोषणा करती है, ऐसे में झूठी ब्रांडिंग के ऊपर बड़ी राशि खर्च की जाती है, तो निश्चित रूप से ये जनधन का दुरूपयोग है.

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