भोपाल। मध्यप्रदेश में अब आदेश की कॉपी लेने के लिए कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि आदेश की कॉपी लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ही मिल जाएगी. इसके अलावा कोर्ट में चल रहे प्रकरण की स्थिति की जानकारी भी इन्हीं केंद्रों के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी. विधि और विधाई कार्य विभाग ने 12 सेवाएं लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन करने का फैसला किया है. इसके तहत न्यायालय के आदेश के बाद ई-कोर्ट परियोजना के अंतर्गत डिजिटल रूप में उपलब्ध सुविधाओं को लेकर ई-फाइलिंग की सुविधाएं भी लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी.
Acid Attack Case: देश में तीसरे नंबर पर एमपी, जबलपुर में हुआ था पहला एसिड अटैक
लोगों को क्या सुविधाएं मिलेंगी
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से न्यायिक आदेश की ई-प्रति, न्यायिक आदेश की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की कॉपी, ऑनलाइन उच्च न्यायालय शुल्क, ऑनलाइन जिला न्यायालय शुल्क, प्रकरण की स्थिति की जांच जानी जा सकेगी, इसके अलावा लोक सेवा केंद्र के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कोर्ट की सुनवाई की व्यवस्था करने और आयोजित करने के तरीकों की जानकारी, ई-मेल व्हाट्सएप या किसी अन्य उपलब्ध मोड के माध्यम से न्यायिक आदेशों-निर्णय की सॉफ्ट कॉपी दिए जाने, ई-कोर्ट परियोजना के तहत डिजिटल रूप से उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में अन्य सहायता और ई-फाइलिंग की सेवाएं भी मिल सकेंगी. विधि और विधाई कार्य विभाग का निर्देश है कि एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ई-कोर्ट के मोबाइल ऐप को लेकर भी लोगों को जानकारी दी जाए.
लोकसेवा गारंटी संशोधन अध्यादेश को मिली मंजूरी
मध्यप्रदेश में लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी संशोधन अध्यादेश को मंजूरी मिल चुकी है, इसके तहत प्रदेश में लोक सेवा गारंटी कानून के तहत समय सीमा में सेवा उपलब्ध कराने के प्रावधान किए गए हैं, जिस सेवा के लिए जो समय अवधि तय है, उसे उसी समय सीमा के अंदर उपलब्ध कराना अनिवार्य है.